परीक्षा भवन में मंगलसूत्र और जनेऊ न उतारें, विवाद के बाद रेलवे ने फैसला वापस लिया

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
सोमवार, 28 अप्रैल 2025 (16:17 IST)
Railway Recruitment Board Exam case : विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और अन्य हिंदू संगठनों ने रेलवे भर्ती बोर्ड की नर्सिंग अधीक्षक परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को मंगलसूत्र और जनेऊ उतार कर परीक्षा भवन में प्रवेश करने संबंधी निर्देश पर सोमवार को कड़ी आपत्ति जताई, जिसके तुरंत बाद इस फैसले को वापस ले लिया गया। रेलवे अधिकारियों ने व्यापक विरोध के बाद, अब स्पष्ट किया है कि अभ्यर्थियों को परीक्षा भवन में प्रवेश करने से पहले मंगलसूत्र और जनेऊ जैसे धार्मिक प्रतीकों को उतारने की आवश्यकता नहीं होगी। शुरुआत में प्रवेश पत्र में अभ्यर्थियों को परीक्षा देने से पहले मंगलसूत्र और जनेऊ उतारने का निर्देश दिया गया था।
 
रेल राज्यमंत्री वी सोमन्ना ने इसे लेकर बढ़ती नाराजगी के बीच, मामले में हस्तक्षेप किया और स्पष्ट किया कि रेलवे भर्ती बोर्ड की नर्सिंग अधीक्षक परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को किसी भी तरह के धार्मिक प्रतीक या मंगलसूत्र को उतारने की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि परीक्षा प्रक्रिया के दौरान धार्मिक भावनाओं का सम्मान किया जाए।
 
अधिकारियों के अनुसार, यह परीक्षा मंगलवार (29 अप्रैल) को मंगलुरु के बॉन्डेल में मनैल श्रीनिवास नायक बेसेंट विद्या केंद्र में आयोजित की जाएगी। शुरुआत में प्रवेश पत्र में अभ्यर्थियों को परीक्षा देने से पहले मंगलसूत्र और जनेऊ उतारने का निर्देश दिया गया था।
ALSO READ: यूपी बोर्ड 2025 का परीक्षा परिणाम घोषित, बालिकाओं का रहा दबदबा, टॉपर्स में छोटे जिलों ने दिखाया कमाल
विहिप के क्षेत्रीय नेता शरण पंपवेल ने कहा, हम घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं, अगर परीक्षा अधिकारियों द्वारा इनमें से कोई भी कदम (अभ्यर्थियों के मंगलसूत्र और जनेऊ उतारने) उठाया जाता है, तो हम इसमें सुधार कराएंगे। हिंदू संगठनों ने तर्क दिया कि इससे हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है।
 
विहिप के प्रवक्ता ने कहा, विवाहित महिलाओं से मंगलसूत्र और सिंदूर हटाने के लिए कहना या पुरुषों से जनेऊ उतारने को कहना करोड़ों लोगों की हिंदू परंपराओं पर हमला करने के समान है। विहिप ने जिले के अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपकर हिंदू अभ्यर्थियों को उनकी धार्मिक पहचान से समझौता किए बिना परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दिये जाने की मांग की।
 
यह विवाद सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीईटी) के दौरान हाल ही में हुई घटनाओं के मद्देनजर सामने आया है, जहां कुछ परीक्षा केंद्रों पर कुछ अभ्यर्थियों से कथित तौर पर इन चीजों को हटाने के लिए कहा गया था। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने इस मुद्दे पर बेंगलुरू में संवाददाताओं द्वारा पूछे गए सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा।
ALSO READ: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा परिणाम, शक्ति दुबे ने किया टॉप
उन्होंने कहा, मंगलसूत्र, जनेऊ जैसी धार्मिक चीजों की उन्हें जांच करने दीजिए, लेकिन उन्हें उतारने के लिए कहना सही नहीं है। भाजपा का असली चेहरा अलग है। वे कहते कुछ हैं और करते कुछ और हैं। इस फैसले को वापस लिया जाए और लोगों को इसके खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर करना चाहिए। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Israel-Iran Conflict : इजराइल-ईरान में क्यों है तनाव, भयंकर युद्ध हुआ तो भारत पर क्या होगा असर

एयर इंडिया विमान हादसे का क्या कनेक्शन है जगन्नाथ मंदिर और अच्युतानंद महाराज की गादी से

विमान हादसे में तुर्की का तो हाथ नहीं? बाबा रामदेव के बयान से सनसनी

इंसानी गलती या टेक्नीकल फॉल्ट, AI-171 के ब्लैक बॉक्स से सामने आएगा सच, जानिए कैसे खोलते हैं हादसे का राज

डोनाल्ड ट्रंप बोले- ईरान के पास बातचीत का दूसरा मौका, परमाणु समझौता कर तबाही को बचा लो

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: सोनप्रयाग से केदारनाथ की पैदल यात्रा स्थगित

इसराइल ने ईरान के रक्षा मुख्यालय को निशाना बनाया, ईरान ने भी बरसाईं मिसाइल

Coronavirus : दिल्ली में बढ़ा कोरोना का खतरा, 1 ही दिन में 3 लोगों की मौत, जानिए एक्टिव मरीजों की संख्‍या

DNA सैंपल से हुई विजय रुपाणी के शव की पहचान, अहमदाबाद प्लेन क्रैश में गई थी जान

कौन था केदारनाथ के पास क्रैश हेलीकॉप्टर का पायलट राजवीर सिंह चौहान, क्या था उसका सेना से कनेक्शन?

अगला लेख