Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कुतुब मीनार मामले में कोर्ट 9 जून को सुनाएगा फैसला, जानिए किस पक्ष की क्या दलीलें थीं...

हमें फॉलो करें कुतुब मीनार मामले में कोर्ट 9 जून को सुनाएगा फैसला, जानिए किस पक्ष की क्या दलीलें थीं...
, मंगलवार, 24 मई 2022 (13:42 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मंगलवार को कुतुब मीनार मामले में सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अदालत अब इस मामले में 9 जून को फैसला सुनाएगी। आइए जानते हैं इस मामले में किस पक्ष ने क्या दलीलें दीं और कोर्ट ने क्या कहा... 
 
साकेत कोर्ट 
  • हिन्दू पक्ष से पूछा- आप क्या चाहते हैं?
  • 800 साल से पूजा नहीं, 800 साल पुरानी धरोहर पर कैसे दावा कर सकते हैं?
  • क्या कुतुब मीनार परिसर को पूजा स्थल में बदल दें? 
  • ये मामला 1991 के वरशिप एक्ट के तहत क्यों नहीं आता?
  • किस आधार पर मिले पूजा का अधिकार?
 
याचिकाकर्ता- 
  • हिन्दू देवता लुप्त नहीं होते।
  • संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
  • वक्त के साथ धार्मिक ‍चरित्र नहीं बदलता।
  • हां मंदिर तोड़कर ही परिसर बनाया गया। 
  • 27 मंदिरों को तोड़कर बनाया गया परिसर। 
  • ये मामला 1958 के मॉन्यूमेंट एक्ट के तहत आता है। 
  • जांच करवा के देख सकते हैं।
 
एएसआई-
  • सं‍रक्षित स्मारक में पूजा की अनुमति नहीं दी जा सकती।
  • कुतुब मीनार की पहचान नहीं बदल सकते।  
  • कोर्ट को तथ्यों और रिकॉर्ड को देखना चाहिए।
कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में ASI ने कहा कि यह नेशनल मोन्यूमेंट एक्ट के तहत संरक्षित स्मारक है। 1914 में जब कुतुब मीनार का अधिग्रहण किया गया तब यहां किसी तरह की पूजा-अर्चना नहीं हो रही थी। नियमों के मुताबिक, अब इस स्थिति को नहीं बदला जा सकता।
इस पर हिंदू पक्ष ने कहा कि कुतुब मीनार को 27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर बनाया गया था। मंदिर टूटने से भगवान का अस्तित्व खत्म नहीं होता। यहां आज भी मूर्तियां रखी हुई हैं। अगर यहां मंदिर में पूजा का अधिकार क्यों नहीं? हिंदू पक्ष ने अपनी दलील में कहा कि धर्म के पालन का अधिकार संविधान से मिला है। यह मौलिक अधिकार है।
 
अदालत ने हिंदू पक्ष से कहा कि आप क्या चाहते हैं, स्मारक को पूजा स्थल में तब्दील कर दिया जाए। दे। कोर्ट ने सवाल किया कि 800 साल से पूजा नहीं तो अब पूजा की मांग क्यों? कानून में कहां लिखा है कि पूजा मौलिक अधिकार है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कमीशनखोरी! CM भगवंत मान ने किया मंत्री विजय सिंगला को बर्खास्त, गिरफ्तार भी कराया