कांग्रेस में शामिल हुए कन्हैया कुमार का विवादों से रहा है पुराना नाता

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 28 सितम्बर 2021 (17:20 IST)
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है। हालांकि उनका विवादों से पुराना नाता रहा है, ऐसे में कांग्रेस में उनकी एंट्री पार्टी को कितना फायदा पहुंचाएगी यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा। 
 
कन्हैया कुमार ने भाकपा के टिकट पर अपने ही जिले बेगूसराय से भाजपा नेता एवं केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन वे 4 लाख से भी ज्यादा वोटों से चुनाव हार गए थे। जबकि, साल 2014 के लोकसभा चुनाव में नवादा सीट से जीत दर्ज करने वाले गिरिराज बेगूसराय सीट से टिकट मिलने से नाराज थे। वे नवादा सीट से ही चुनाव लड़ना चाहते थे। कन्हैया कुमार के कारण यह सीट काफी सुर्खियों में रही थी, लेकिन कन्हैया यहां बुरी तरह हार गए। 
 
बेगूसराय के बरौनी में जन्मे कन्हैया छात्र जीवन से राजनीति में दो-दो हाथ कर रहे हैं। एआईएसफ के बैनर तले वे 2015 में जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष बने। हालांकि वे अपने बयानों के कारण हमेशा सुर्खियों और विवाद में बने रहते हैं। 
 
आरएसएस पर साधा था निशाना : वर्ष 2020 कन्हैया कुमार के ट्विटर हैंडल से फरवरी 2020 में एक ट्‍वीट किया था, जिस पर काफी विवाद हुआ था। कन्हैया ने ट्‍वीट में आरएसएस को धर्म का धंधा करने वाला बताया था। उन्होंने कहा था कि हिंदुओं के लिए धर्म आस्था है और संघियों के लिए धंधा। इसके बाद बिहार के सुपौल में उनके काफिले पर भी हमला हुआ था। 
 
कन्हैया ने गृहमंत्री अमित शाह पर भी विवादित टिप्पणी की थी। 2020 में ही कन्हैया अमित शाह को निशाने पर लेते हुए कहा ता कि अगर धर्म के आधार पर किसी की भी नागरिकता ली जाएगी तो अमित शाह हम बता देते हैं कि मैं बिहार की धरती से हूं। हम भी छठी के दूध याद दिला देंगे।
 
टुकड़े-टुकड़े गैंग से संबंधों का आरोप : कन्हैया कुमार 'भारत तेरे टुकड़े होंगे' और 'अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं' के नारे लगाने के आरोप भी लगे थे। उन पर आरोप था कि उनकी अगुवाई में यह नारेबाजी की गई। उस समय जेएनयू में एक कश्मीरी आतंकवादी अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ छात्रों ने रैली निकाली थी।
 
हालांकि सबूत नहीं मिलने के चलते उन्हें अदालत ने छोड़ दिया था। कन्हैया ने 2016 में ही भारतीय सेना के खिलाफ राजधानी दिल्ली में बयान दिया था। तब कन्हैया ने कहा था कि कश्मीर में भारतीय सेना महिलाओं से बलात्कार करती है, उन पर अत्याचार करती है। हालांकि इस बयान के बाद वे देशभर में लोगों के निशाने पर आ गए थे। 
 
'भारत माता की जय' से जुड़े मामले में कन्हैया ने विवादित बयान दिया था। 2016 में उन्होंने कहा था कि भाजपा वाले कहते हैं कि भारत माता की जय बोलना पड़ेगी। ऐसे में मैंने सोचा कि मैं शादी करूंगा तो अपनी पत्नी से कहूंगा कि वह अपना नाम 'भारत माता की जय' रख ले। बच्चों के नाम भी 'भारत माता की जय' रख दूंगा। जब शिक्षक उनसे उनका और उनके माता-पिता का नाम पूछेंगे तो वे 'भारत माता की जय' कहेंगे। इससे उन्हें मुफ्त शिक्षा भी मिल जाएगी। 

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