चक्रवाती तूफान दाना से ताजा हुईं चक्रवात फैलिन की खौफनाक यादें, कैसा था तबाही का मंजर?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 23 अक्टूबर 2024 (14:50 IST)
Dana Cyclone news : चक्रवाती तूफान दाना की चेतावनी के साथ ही ओडिशा के गंजम जिले के लोगों के जहन में, 2013 में आए चक्रवात फैलिन (Cyclone Phailin) की खौफनाक यादें फिर से ताजा हो गई हैं। ओडिशा सरकार का कहना है कि शुक्रवार की सुबह राज्य के तटीय इलाकों में दस्तक देने जा रहे चक्रवाती तूफान दाना से निपटने के लिए वह अपनी तैयारी कर रही है।
 
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के पूर्व-मध्य में बना गहरे दबाव का क्षेत्र बुधवार को सुबह सुबह चक्रवाती तूफान दाना में तब्दील हो गया। इसके उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ने, उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील होने और 25 अक्टूबर की सुबह पुरी और सागर द्वीप के बीच ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों को पार करने की संभावना है। इस दौरान हवा की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है।
 
फैलिन ने मचाई थी तबाही : अंडमान सागर में कम दबाव के क्षेत्र के रूप में उत्पन्न हुए फैलिन ने 9 अक्टूबर को एक चक्रवाती तूफान का रूप ले लिया। यह 12 अक्टूबर 2013 को 8 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के तट पर टकराया। इसका केंद्र गोपालपुर से करीब 200 किमी दूर था। इस चक्रवात ने ओडिशा और आंध्र प्रदेश में जमकर तबाही मचाई।
 
इस तूफान से गोपालपुर भारी तबाही मचाई। तूफान की वजह से कम से कम 15 लोगों की जान चली गई थी और लगभग 2,50,000 घरों को नुकसान हुआ था। इस चक्रवात से 90 लाख लोग प्रभावित हुए जबकि 2400 करोड़ रुपए की धान की फसल बर्बाद हो गई।
 
क्या कहते हैं लोग : तटीय गांव आर्यपल्ली के निवासी 65 वर्षीय एम. तातेया ने कहा कि जब जिला प्रशासन ने संभावित चक्रवात की तैयारी शुरू की और हमें मछली पकड़ने के लिए समुद्र में जाने से रोका, तो उस काली रात का मंजर फिर से जहन में आ गया।
 
जगदलपुर की 50 वर्षीय लक्ष्मी ने कहा कि मैं फैलिन से मची तबाही कभी नहीं भूल पाऊंगी, जिसने मेरा छप्पर वाला घर नष्ट कर दिया था। उस तबाही में मेरा कोई सामान नहीं बचा था। हालांकि उन्होंने सरकारी सहायता से अपना घर फिर से बनवाया, लेकिन वह भगवान से प्रार्थना करती हैं कि ऐसा चक्रवात दोबारा न आए।
 
क्या बोले नवीन पटनायक : इस बीच चक्रवात दाना पर ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और BJD प्रमुख नवीन पटनायक ने ओडिशा के लोगों को संदेश दिया। उन्होंने कहा कि चक्रवाती तूफान के बारे में सुनकर घबराएं नहीं। हमने पहले भी कई चक्रवातों का सफलतापूर्वक सामना किया है। हमारी प्रभावी आपदा प्रबंधन नीति हमें इसके प्रभाव को कम करने में मदद करेगी। कृपया सतर्क रहें, अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें और प्रशासन के साथ पूरा सहयोग करें। मैं सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों से इस चुनौतीपूर्ण समय में लोगों के साथ खड़े होने और सहायता प्रदान करने का आग्रह करता हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि हम मिलकर इस चक्रवात पर सफलतापूर्वक काबू पा लेंगे, जैसा कि हमने पहले भी किया है।
 
कैसी है प्रशासन की तैयारी : जिलाधिकारी दिव्य ज्योति परिडा ने अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें चक्रवात आश्रय स्थल तैयार करने पर जोर दिया गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, कि यदि जरूरत पड़ी तो निचले और संवेदनशील इलाकों में रहने वाले लोगों को इन आश्रय स्थलों तक पहुंचाया जाएगा। ALSO READ: ओडिशा, बंगाल में चक्रवात दाना की दहशत, 150 से ज्यादा ट्रेनें रद्द, जानिए कैसी है सरकार की तैयारी?
 
कलेक्टर ने सभी सरकारी कर्मचारियों को अपने कार्यस्थलों पर रहने का आदेश दिया है और बिना अनुमति के किसी को भी क्षेत्राधिकार से बाहर जाने से मना किया गया है। प्रशासन का खास ध्यान पांच तटीय ब्लॉकों - गंजम, रंभा, खलीकोट, रंगीलुंडा और चिकिती पर है। तटीय गांवों में सोमवार से मछुआरों को मछली पकड़ने से रोक दिया गया है। एनडीआरएफ और ओडीआरएएफ की टीमें तैनात कर दी गई है। भारतीय तटरक्षक बल भी हाईअलर्ट पर है।
 
अतिरिक्त जिला मत्स्य पालन अधिकारी (समुद्री) सुब्रत पटनायक ने कहा कि हम सुबह से ही सभी तटीय गांवों में लोगों को जागरुक कर रहे हैं और उन्हें 26 अक्टूबर तक समुद्र में न जाने की सलाह दे रहे हैं। समुद्र, रंभा क्षेत्र के आसपास और चिलिका झील से मछुआरे प्रशासन के निर्देशों के तहत वापस लौटने लगे हैं। (इनपुट भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta 

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