जम्मू। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 'दरबार मूव' कहे जाने वाली 149 साल पुरानी आधिकारिक प्रथा को खत्म कर कर्मियों को जम्मू एवं श्रीनगर में मिली आवास सुविधा को भी रद्द कर दिया है। हालांकि इससे कुछ दिन पहले ही उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दशकों पुरानी इस व्यवस्था को खत्म करने का ऐलान किया था।
इससे पहले उपराज्यपाल ने सिन्हा ऐलान किया था कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन पूरी तरह से ई-ऑफिस व्यवस्था अपना चुका है। इस तरह साल में 2 बार 'दरबार स्थानांतरण करने की प्रथा समाप्त हो गई है। इस व्यवस्था को खत्म होने से सरकार को प्रतिवर्ष 200 करोड़ रुपए की बचत होगी।
संपदा विभाग की ओर से भी जारी आदेश में कहा गया है कि अधिकारी और कर्मचारियों को 21 दिनों के भीतर दोनों राजधानी शहरों में सरकार द्वारा आवंटित अपने आवासों को खाली करना होगा। गौरतलब है कि यह प्रथा महाराज गुलाब सिंह ने 1872 में शुरू की थी, जिसके तहत प्रशासन सर्दियों में जम्मू से और गर्मियों में श्रीनगर से काम करता था।