डीबीटीएल योजना दुनिया की सबसे बड़ी योजना

Webdunia
शुक्रवार, 26 दिसंबर 2014 (11:17 IST)
नई दिल्ली। रसोई गैस के लिए ग्राहकों को सीधी नकद सब्सिडी दिए जाने की महत्वाकांक्षी योजना दुनिया की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना बन गई है। इस साल 15 नवंबर से 2.5 करोड़ परिवारों को 550 करोड़ रुपए की सब्सिडी मिल रही है।
 
एलपीजी पर प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटीएल) योजना 15 नवंबर से 54 जिलों में शुरू की गई और 1 जनवरी से इसे देशभर में लागू किया जा रहा है। इस योजना के तहत उपभोक्ताओं को नकद सब्सिडी दी जाती है ताकि वे बाजार भाव पर रसोई गैस खरीद सकें।
 
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यहां कहा कि 54 जिलों में 75 प्रतिशत आबादी डीबीटीएल के दायरे में आ गई है। डीबीटीएल अब दुनिया की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना बन गई है। भारत में योजना के तहत लाभान्वित हो रहे लोगों की संख्या चीन और ब्राजील में यह सुविधा पा रहे लोगों से ज्यादा हो गई है।
 
प्रधान ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से अब तक 42 जिलों में योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की है और इस साल के समाप्त होने से पहले 10 जिलों की समीक्षा करेंगे। इतनी बड़ी संख्या में लोग इस योजना से जुड़ रहे, हमें केवल 3,000 शिकायतें मिली हैं। इनमें से 80 प्रतिशत का समाधान 7 दिन के भीतर कर दिया गया।
 
उनके मंत्रालय के अधिकारियों के साथ तेल विपणन कंपनियों के शीर्ष कार्यकारी देश में एक-एक जिले को अपनाकर योजना के क्रियान्वयन को देख रहे हैं। इसके तहत उपभोक्ताओं के एलपीजी कनेक्शन को उनके बैंक खाते से जोड़ा गया है।
 
जैसे ही कोई व्यक्ति योजना से जुड़ता है, तेल कंपनियां अग्रिम नकद सब्सिडी उनके बैंक खाते में हस्तांतरित कर देती हैं ताकि वह बाजार दर पर एलपीजी सिलेंडर खरीद सके। उपभोक्ता को सिलेंडर की डिलीवरी होने के बाद उसके बैंक खाते में फिर अग्रिम नकद सब्सिडी हस्तांतरित कर दी जाती है। फिलहाल सब्सिडी वाले 14.2 किलो के एलपीजी सिलेंडर की लागत 417 रुपए है जबकि बाजार मूल्य 752 रुपए हैं। इसका अंतर सब्सिडी के रूप में दिया जा रहा है।
 
प्रधान ने कहा कि मैं हरियाणा के पलवल का जबकि आईओसी चेयरमैन बी. अशोक नई दिल्ली के प्रभारी हैं। बीपीसीएल के चेयरमैन एस. वर्धराजन ने महाराष्ट्र में नासिक को अपनाया है। इसी प्रकार देश के 676 जिलों की स्थिति पर निगरानी के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। 
 
1 जनवरी से देशभर के एलपीजी ग्राहकों को रसोई गैस बाजार दर पर खरीदनी होगी। उन्हें बाजार भाव तथा मौजूदा सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत के बीच के अंतर के बराबर राशि प्रत्यक्ष रूप से मिलेगी। यह नकद सब्सिडी उन्हें साल में 12 सिलेंडरों के लिए मिलेगी और यह यह राशि उनके खाते में डाली जाएगी। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना का नाम बदलकर अब ‘पहल’ कर दिया गया है। (भाषा)
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