राजधानी दिल्ली का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भी आगामी 5 जनवरी, 2017 से कैशलेस होने जा रहा है। इसके लिए सभी विभागों को प्रीपेड कार्ड जारी किए जाएंगे। हालांकि रजिस्ट्रेशन के लिए मरीज को अपना आधारकार्ड रखना जरूरी होगा। इसके बिना उसे 10 गुना ज्यादा रजिस्ट्रेशन फीस चुकानी होगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार एम्स प्रबंधन ने कैशलेस व्यवस्था को पूरी तरह लागू करने का फैसला किया है। इसका सबसे बड़ा फायदा मरीजों और उनके परिजनों को यह होगा कि उन्हें पैसे खोने का डर नहीं रहगेा। कार्ड में मरीज जांच से लेकर सर्जरी और दवाओं की अनुमानित धनराशि का रिचार्ज करा सकेंगे। यह अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए अनिवार्य होगी, जबकि ओपीडी मरीजों के लिए इसे वैकल्पिक रखा गया है।
बताया जाता है कि भर्ती कराने पर रजिस्ट्रेशन के बाद मरीज को कार्ड जारी कर दिया जाएगा, जो उसके एम्स में भर्ती रहने तक मान्य होगा। यह सुविधा सभी प्रमुख विभागों में मिलेगी।
आधार बिना 10 गुना पंजीकरण शुल्क देना होगा
एम्स ने आधार को अनिवार्य करते हुए कहा है कि इसके बिना पंजीकरण कराने वालों को दस रुपए की जगह 100 रुपये देने होंगे, जबकि आधार कार्ड होने पर ऑनलाइन पंजीकरण के लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा।