नई दिल्ली। दिल्ली सरकार शराब की खुदरा बिक्री के नियमन, कर चोरी तथा नकली शराब पर लगाम लगाने के लिए विशेष प्रकार के लेबल, जांच टीम और अत्याधुनिक प्रयोगशाला जैसे कदम उठा रही है। नई आबकारी नीति 2021 को जून में मंजूरी दे दी गई। इसे सोमवार को आबकारी विभाग की वेबसाइट पर डाला गया है। जानिए क्या है इसमें खास...
* नई आबकारी नीति के अनुसार विभाग ने कर चोरी रोकने तथा आपूर्ति श्रृंखला में कालाबजारी पर अंकुश लगाने के लिए उच्च सुरक्षा विशेषताओं से युक्त आबकारी लेबल पेश किया है। इसे भारतीय प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लि. (SPMCIL) ने तैयार किया है।
* नए लेबल में उच्च स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था है। इससे इसका क्लोन और नकली लेबल नहीं बनाया जा सकता है। अत: इससे कर चोरी पर लगाम लगेगा। पुन: नए बारकोड के क्रियान्वयन तक आबकारी आपूर्ति श्रृंखला सूचना प्रबंधन प्रणाली (ESCIMS) के माध्यम से बार-कोडिंग की वर्तमान प्रणाली जारी रहेगी।
* नीति में यह भी कहा गया है कि खुदरा विक्रेताओं और गोदामों के संचालन की निरंतर जांच करने के लिए विशेष निरीक्षण दल स्थापित किए जाएंगे ताकि लाइसेंस से जुड़ी शर्तों का उल्लंघन नहीं हो।
* इसका मकसद दिल्ली में स्थापित होने वाली किसी भी दुकान में अपेक्षित गुणवत्ता मानक को बनाए रखना है।
* नई नीति के तहत थोक संचालन के लिए उपायुक्त स्तर के अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।
* सभी ब्रांडों के गोदामों, खुदरा विक्रेताओं, होटल, क्लब और रेस्तरां से व्यवस्थित रूप से नमूने लेने के लिए टीम का गठन किया जाएगा। टीम की रिपोर्ट वेबसाइट पर डाली जाएगी।
* किसी भी लाइसेंस धारक या खुदरा दुकानदार के पास नकली शराब पाई जाती है तो उसका लाइसेंस रद्द किया जाएगा और संबंधित कानून के अनुसार आपराधिक कार्यवाही की जाएगी।
* नीति दस्तावेज के अनुसार ऐसे विक्रेता को स्थायी रूप से काली सूची में डाला जाएगा और उस पर दिल्ली में दुकान चलाने पर पाबंदी होगी। साथ ही आबाकारी विभाग यह सूचना दूसरे राज्यों को भी देगा।
* नकली शराब की आपूर्ति एक गंभीर समस्या है और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है। इस पर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली सरकार एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला स्थापित करेगी। यह प्रयोगशाला नकली शराब का पता लगाने का काम करेगा।
* सरकार उद्योग के साथ मिलकर सुरक्षा मानक और गतिविधियां भी तय करेगी।