नई दिल्ली। भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन उस समय मुश्किल में पड़ गए जब दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महिला की याचिका पर पुलिस को हुसैन के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। पुलिस को इस मामले में 3 माह में जांच पूरी करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
महिला ने जनवरी 2018 में निचली अदालत में याचिका दायर कर हुसैन के खिलाफ दुष्कर्म की FIR दर्ज करने का गुजारिश की थी। महिला का आरोप है कि हुसैन ने छतरपुर फार्म हाउस में उसके साथ दुष्कर्म किया और जान से मारने की धमकी दी।
मजिस्ट्रेटी कोर्ट ने 7 जुलाई को हुसैन के खिलाफ धारा 376/328/120/506 के तहत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। हालांकि पुलिस ने पेश रिपोर्ट में तर्क रखा कि हुसैन के खिलाफ मामला नहीं बनता। अदालत ने पुलिस के तर्क को खारिज कर दिया था।
हाई कोर्ट की जज न्यायमूर्ति आशा मेनन ने कहा कि सभी तथ्यों को देखने से स्पष्ट है कि इस मामले में पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने में पूरी तरह से अनिच्छुक नजर आ रही है। अदालत ने कहा, पुलिस की ओर से निचली अदालत में पेश रिपोर्ट अंतिम रिपोर्ट नहीं थी जबकि अपराध का संज्ञान लेने के लिए अधिकार प्राप्त मजिस्ट्रेट को अंतिम रिपोर्ट अग्रेषित करने की आवश्यकता है।