दिल्ली हाईकोर्ट का केजरीवाल सरकार को बड़ा झटका, 33 प्राइवेट अस्पतालों को मिली राहत

Webdunia
मंगलवार, 22 सितम्बर 2020 (14:24 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi highCourt) ने आप सरकार द्वारा 33 बड़े निजी अस्पतालों को कोविड-19 मरीजों के लिए 80 प्रतिशत आईसीयू बिस्तर आरक्षित रखने के आदेश पर रोक लगाते हुए इसे मनमाना और अनुचित बताया है। हाईकोर्ट के इस आदेश को दिल्ली सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
 
न्यायमूर्ति नवीन चावला ने कहा कि दिल्ली सरकार का 13 सितम्बर का आदेश प्रथम दृष्ट्या मनमाना, अनुचित एवं नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन प्रतीत होता है।
 
उच्च न्यायालय ने आईसीयू बिस्तर आरक्षित रखने के आदेश को खारिज करने के आग्रह वाली 'एसोसिएशन ऑफ हेल्थेकयर प्रोवाइडर्स' की याचिका पर दिल्ली सरकार और केन्द्र को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा।
 
अदालत ने कहा, 'प्रथम दृष्ट्या यह आदेश मनमाना, अनुचित एवं नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन प्रतीत होता है। मामले की अगली सुनवाई तक इस आदेश के क्रियान्वयन पर रोक रहेगी।' अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 16 अक्टूबर की तारीख तय की है।
 
एसोसिएशन ने कहा कि यह 33 अस्पताल उसके सदस्य हैं और दिल्ली सरकार के आदेश को रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि यह विवेकहीन तौर पर पारित किया गया है।
 
दिल्ली सरकार ने अपने आदेश का बचाव करते हुए कहा कि यह केवल 33 अस्पताल हैं और 20 प्रतिशत आईसीयू बिस्तर अन्य मरीजों (जिन्हें कोरोना वायरस नहीं है) के लिए आरक्षित रहेंगे। साथ ही आदेश पारित करते समय वायरस के अचानक बढ़ते मामलों को भी ध्यान में रखा गया।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख