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दिल्ली पुलिस का 'न्यूजक्लिक' व उसके पत्रकारों से जुड़े परिसरों पर छापा, विपक्ष व पीसीआई ने की निंदा

हमें फॉलो करें दिल्ली पुलिस का 'न्यूजक्लिक' व उसके पत्रकारों से जुड़े परिसरों पर छापा, विपक्ष व पीसीआई ने की निंदा
नई दिल्ली , मंगलवार, 3 अक्टूबर 2023 (16:35 IST)
Delhi Police raids 'Newsclick': दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के विशेष प्रकोष्ठ ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज एक मामले में ऑनलाइन समाचार पोर्टल (online news portal) 'न्यूजक्लिक' (Newsclick) और उसके पत्रकारों से जुड़े 30 परिसरों पर मंगलवार को छापे मारे। 'न्यूजक्लिक' पर चीन के समर्थन में प्रचार करने के लिए धन लेने का आरोप लगाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई।
 
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में की गई छापेमारी के दौरान उर्मिलेश और अभिसार शर्मा समेत कुछ पत्रकारों को लोधी रोड विशेष प्रकोष्ठ कार्यालय ले जाया गया, लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। 'न्यूजक्लिक' के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को समाचार पोर्टल के दक्षिण दिल्ली स्थित कार्यालय ले जाया गया।
 
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भुवनेश्वर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश की जांच एजेंसी स्वतंत्र हैं और वे कानून के अनुसार काम करती हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी ने कुछ गलत किया है तो जांच एजेंसी इस संबंध में काम करती हैं। यह कहीं नहीं लिखा कि यदि आपने अवैध तरीके से धन कमाया है या कुछ आपत्तिजनक किया है तो जांच एजेंसी इसकी जांच नहीं कर सकतीं।
 
कांग्रेस और सपा ने की निंदा : कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के अलावा 'प्रेस क्लब ऑफ इंडिया' ने इस छापेमारी को लेकर सरकार की निंदा की है। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी 'न्यूजक्लिक' के वित्त पोषण के स्रोतों की जांच के तहत कंपनी के परिसरों पर छापे मारे थे। विशेष प्रकोष्ठ केंद्रीय एजेंसी से मिली जानकारी के आधार पर छापे मार रहा है। अधिकारियों ने बताया कि विशेष प्रकोष्ठ ने यूएपीए के तहत एक नया मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
 
घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने 'न्यूजक्लिक' के कुछ पत्रकारों के लैपटॉप और मोबाइल फोन का 'डंप डेटा' (किसी कम्प्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल से किसी दूसरे उपकरण में स्थानांतरित किया गया डेटा) बरामद किया।
 
विशेष प्रकोष्ठ के एक दल ने अभिसार शर्मा से नोएडा एक्सटेंशन स्थित उनके घर में पूछताछ की जिसके बाद वह उन्हें अपने साथ ले गया। दल सुबह पत्रकार के घर पहुंचा और उसने उनका मोबाइल फोन एवं लैपटॉप जैसे गैजेट जब्त कर लिए।
 
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि छापेमारी जारी है। उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई यूएपीए और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 153ए (2 समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और 120बी (आपराधिक साजिश) के अगस्त में दर्ज किए गए एक मामले के आधार पर की जा रही है।
 
अभिसार शर्मा ने उन्हें हिरासत में लिए जाने से पहले सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा कि दिल्ली पुलिस मेरे घर पहुंची। मेरा लैपटॉप और फोन ले लिया। एक अन्य पत्रकार भाषा सिंह ने भी 'एक्स' पर लिखा कि अंतत: मेरे फोन से आखिरी ट्वीट। दिल्ली पुलिस मेरा फोन जब्त कर रही है। ऐसा बताया जा रहा है कि जिन लोगों के परिसर पर छापे मारे गए हैं, उनमें इतिहासकार सोहेल हाशमी भी शामिल हैं।
 
सोहेल हाशमी की बहन शबनम हाशमी ने 'एक्स' पर लिखा कि दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने आज सुबह 6 बजे सोहेल हाशमी के घर छापा मारा। 6 लोग घर में और शयन कक्ष में घुस आए। उन्होंने आरोप लगाया कि सोहेल से 2घंटे पूछताछ की गई। उन्होंने दावा किया कि पुलिसकर्मियों ने उनका कम्प्यूटर, फोन, हार्ड डिस्क और फ्लैश ड्राइव (पैन ड्राइव) जब्त कर ली हैं।
 
कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि बिहार में जाति आधारित जनगणना के चौंका देने वाले आंकड़े और देशभर में जातीय गणना की बढ़ती मांग के बीच लोगों का ध्यान भटकाने के लिए 'न्यूजक्लिक' के पत्रकारों के परिसरों पर तड़के छापे मारे गए।
 
खेड़ा ने 'एक्स' पर लिखा कि कल जब से बिहार की जाति आधारित जनगणना के चौंका देने वाले आंकड़े सामने आए हैं, पूरे देश में जाति जनगणना की मांग जोर पकड़ रही है। (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी साहिब की नींद उड़ी हुई है। जब पाठ्यक्रम के बाहर का कोई सवाल खड़ा हो जाता है तो मोदीजी के पाठ्यक्रम का एक देखा भाला अस्त्र बाहर लाया जाता है- मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने का अस्त्र। आज सुबह से 'न्यूजक्लिक' के पत्रकारों के खिलाफ हो रही कार्रवाई इसी पाठ्यक्रम का हिस्सा है।
 
समाजवादी पार्टी के नेता अब्बास हैदर ने आरोप लगाया कि यह लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण एवं खतरनाक है। हैदर ने कहा कि मेरा मानना है कि भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) लोकतंत्र के चौथे स्तंभ यानी मीडिया को ध्वस्त करने की कोशिश कर रही है। यह हमारे लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण और खतरनाक है। हम पत्रकारों के साथ खड़े हैं।
 
'प्रेस क्लब ऑफ इंडिया' (पीसीआई) ने 'एक्स' के जरिए कहा कि वह 'न्यूजक्लिक' से जुड़े पत्रकारों एवं लेखकों के घरों पर छापेमारी को लेकर बहुत चिंतित है। उसने कहा कि प्रेस क्लब ऑफ इंडिया 'न्यूजक्लिक' से जुड़े पत्रकारों और लेखकों के घरों पर की गई छापेमारी से बेहद चिंतित है। हम घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं और एक विस्तृत बयान जारी करेंगे। पीसीआई ने कहा कि हम पत्रकारों के साथ एकजुटता से खड़े हैं और सरकार से मांग करते हैं कि वह इस संबंध में विस्तार से जानकारी दे।
 
दिल्ली उच्च न्यायालय ने अगस्त में 'न्यूजक्लिक' के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ से शहर पुलिस की उस याचिका पर उनका रुख पूछा था जिसमें कथित रूप से गैरकानूनी विदेशी धन मिलने के मामले में उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण देने के पहले के आदेश को रद्द करने की अपील की गई थी। यह वेबसाइट भारत में चीन समर्थक प्रचार के लिए अमेरिकी करोड़पति नेविले रॉय सिंघम से कथित तौर पर धन प्राप्त करने को लेकर हाल में सुर्खियों में आई थी।
 
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' की जांच का हवाला देते हुए हाल में दावा किया था कि 'न्यूजक्लिक' के धन के लेन-देन की जांच से 'भारत विरोधी एजेंडे' का पता चला है।
 
छापे पर क्या बोले अनुराग ठाकुर?: भुवनेश्वर में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिल्ली में समाचार पोर्टल 'न्यूजक्लिक' से जुड़े परिसरों पर की गई छापेमारी का जिक्र करते हुए मंगलवार को कहा कि देश में जांच एजेंसियां ​​स्वतंत्र हैं और वे कानून के मुताबिक काम करती हैं।
 
ठाकुर ने कहा कि मुझे छापेमारी की कार्रवाई को जायज ठहराने की जरूरत नहीं है। अगर किसी ने कुछ गलत किया है, तो जांच एजेंसियां ​​उस पर काम करती हैं। ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि अगर आपने अवैध तरीके से धन हासिल किया है या कुछ आपत्तिजनक किया है तो जांच एजेंसियां ​​इसकी जांच नहीं कर सकतीं।
 
दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने मंगलवार सुबह 'न्यूजक्लिक' और उसके पत्रकारों से जुड़े 30 परिसरों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई को लेकर पत्रकारों ने भारी रोष व्यक्त किया है। भुवनेश्वर में एक संवाददाता सम्मेलन में ठाकुर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जांच एजेंसियां ​​स्वतंत्र हैं और वे कानून के मुताबिक काम करती हैं।
 
घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने 'न्यूजक्लिक' के कुछ पत्रकारों के लैपटॉप और मोबाइल फोन का 'डंप डेटा' (किसी कम्प्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल से किसी दूसरे उपकरण में स्थानांतरित किया गया डेटा) बरामद किया है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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