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सोशल मीडिया के गुस्‍से के बाद दिल्‍ली के कोचिंग कांड पर क्‍या बोले विकास दिव्‍यकीर्ति और अवध ओझा

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, बुधवार, 31 जुलाई 2024 (13:43 IST)
  • हादसे के लिए विकास दिव्यकीर्ति और अवध ओझा को जिम्‍मेदार मान रहे लोग
  • सोशल मीडिया पर छात्रों ने पूछा अब तक कहां थे दोनों
  • बच्चों के साथ क्यों नहीं आए, क्‍या है ओझा का 4 सूत्रीय प्रोग्राम
Delhi UPSC student death: दिल्‍ली में आयएएस की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की डूबने से हुई दर्दनाक मौत के बाद दृष्टि आईएएस के विकास दिव्‍यकीर्ति और टीचर अवध ओझा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। हालांकि दोनों का बयान घटना के तीन दिनों के बाद सामने आया है। दरअसल, दोनों की सोशल मीडिया में जमकर आलोचना हो रही थी। सोशल मीडिया में कहा जा रहा था कि इतने बड़े हादसे के बाद भी दोनों का कोई बयान नहीं आया है।

बता दें कि दिल्‍ली के राव कोचिंग सेंटर में शनिवार को बेसमेंट में पानी घुसने से 3 छात्रों की मौत हो गई थी। जिसके बाद इनकी सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही थी, क्योंकि इनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी।

क्‍या कहा ओझा ने : अब तीन छात्रों की मौत के मामले के बाद आरोप झेल रहे कोचिंग संचालकों के बयान सामने आए हैं। शिक्षक अवध ओझा (Awadh Ojha) ने एक वीडियो संदेश जारी किया है और दृष्टि आईएएस (Drishti IAS) ने एक बयान जारी कर घटना पर दुख जताया है। ओझा ने कठोर कानून बनाकर ऐसे हादसों के जिम्मेदारों की संपत्ति जब्त करने और आजीवन कारावास के प्रविधान करने की मांग की है।

क्या है ओझा का 4 सूत्रीय प्रोग्राम : अवध ओझा ने चार सूत्री मांग के बारे में बताया, उन्होंने कहा, पहला सेफ्टी स्टैंडर्ड को फॉलो किया जाए. दूसरा ये कि सीमित संख्या में स्टूडेंट्स क्लास में बैठें, 100 स्टूडेंट्स से ज्यादा न बिठाए जाएं. तीसरा, एडमिशन फॉर्म में कोचिंग रिस्पॉन्सिबिलिटी लिखी जाए कि मेरे संस्थान में कोई घटना घटती है, तो मैं इसका जिम्मेदार माना जाऊंगा. चौथा, एक कानून पारित होना चाहिए

क्‍या कहा दृष्टि आईएएस ने : एमसीडी ने सोमवार को कई कोचिंग सेंटरों को सील किया था। इनमें दृष्टि आईएएस भी शामिल था। इसके दूसरे दिन दृष्टि आईएएस ने प्रतिक्रिया दी है। अपने एक्स एकाउंट से जारी बयान में टीम दृष्टि की तरफ से घटना और उसके बाद की परिस्थितियों पर खेद व्यक्त किया गया है। साथ ही अपना पक्ष देरी से रखने के लिए माफी मांगी गई है।

बता दें कि हादसे के बाद सोशल मीडिया पर लगातार छात्रों का गुस्‍सा फूट रहा है। इसके बाद बयान सामने आ रहे हैं कि सरकार को कोचिंग सेंटरों के लिए दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए। इस समस्या के कई पक्ष हैं। इनके तार कानूनों की अस्पष्टता से जुड़े हैं। डीडीए, एमसीडी और दिल्ली फायर डिपार्टमेंट के नियमों में अंतर है।

कोचिंग सेंटरों के लिए क्‍यों नहीं नियम : बता दें कि दिल्ली मास्टरप्लान-2021, नेशनल बिल्डिंग कोड, दिल्ली फायर अधिनियम और यूनिफाइड बिल्डिंग बाइ लॉज के प्रावधानों में भी काफी अंतर्विरोध है। दिल्ली मास्टरप्लान-2021 को छोड़कर बाकी किसी भी दस्तावेज में कोचिंग सेंटरों के लिए स्पष्ट प्रावधान नहीं हैं। हमें उम्मीद है कि जब एक महीने में केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से नियुक्त समिति रिपोर्ट पेश करेगी, तब यहां बताई गई अधिकतर बातों का समाधान मिल सकेगा।

छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरी : दृष्टि आईएएस ने बयान में कहा, हम छात्रों की सुरक्षा को लेकर सतर्क हैं। इसके लिए मैनेजमेंट में फायर एंड सेफ्टी अधिकारी का विशेष पद है, जो सभी इमारतों में नियमित सेफ्टी ऑडिट करते हैं। साथ ही प्रत्येक इमारत के लिए एक-एक अधिकारी भी रोजाना सुरक्षा के 16 बिंदुओं की जांच करता है।

इसकी सूचना बिल्डिंग मैंटेनेंस ग्रुप पर अपडेट होती है। दृष्टि आईएएस ने आगे कहा, हमारे क्लासरूम जहां भी हैं, उन इमारतों में आने-जाने के लिए कम से कम दो रास्ते हैं। ताकि इमरजेंसी के हालात में छात्र सुरक्षित निकल सकें।

सरकार निकाले स्‍थायी हल : समस्या का स्थायी समाधान यही है कि सरकार दिल्ली में तीन-चार स्थानों को कोचिंग सेंटरों के लिए चिह्नित कर दे। अगर सरकार क्लासरूम, पुस्तकालय, छात्रावास खुद तैयार कराएगी तो अधिक किराए और सुरक्षा से जुड़े प्रविधानों की समस्या नहीं रहेगी।

सोशल मीडिया में फूटा गुस्‍सा : बता दें कि विकास दिव्यकीर्ति दृष्टि आईएएस के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं और घटना के बाद उनकी तरफ से बयान न आने के चलते इंटरनेट मीडिया पर उनकी आलोचना हो रही थी। उधर, आईएएस कोचिंग चलाने वाले अवध ओझा ने बयान देकर चार मांगें रखी हैं। उन्होंने कहा है कि कोचिंग के लिए सभी जरूरी मानक तय होने चाहिए। एक कक्षा में 100 बच्चों से अधिक नहीं बैठने चाहिए। एडमिशन फॉर्म में कोचिंग सेंटरों को एक अंडरटेकिंग देनी चाहिए कि हादसा होने पर जिम्मेदारी उनकी होगी। पूरी प्रक्रिया पर एक कठोर कानून बनना चाहिए। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, मेयर का इस्तीफा मांगने से कुछ नहीं होगा। दूसरा व्यक्ति आएगा और कुछ दिनों बाद व्यवस्था पहले जैसी हो जाएगी। कठोर कानून बने। फायर एनओसी देने वाले और एमसीडी हर जिम्मेदार अधिकारी व कोचिंग संचालक की संपत्ति जब्त हो और उनको आजीवन कारावास का प्रावधान हो।
Edited By: Navin Rangiyal

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