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कांग्रेस ने की मांग, मनरेगा में NMMS अव्यावहारिक इसे वापस लिया जाए

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , गुरुवार, 17 जुलाई 2025 (11:05 IST)
Demand to withdraw NMMS in MNREGA: कांग्रेस ने गुरुवार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) में 'नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम' (NMMS)  ऐप को लेकर सवाल खड़े किए और कहा कि इसे तत्काल वापस लिया जाए, क्योंकि यह इस योजना के लिए अव्यावहारिक और प्रतिकूल है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने यह भी कहा कि मनरेगा के तहत न्यूनतम मजदूरी को प्रतिदिन 400 रुपए किया जाए।
 
रमेश ने एक बयान में कहा कि मई 2022 में मोदी सरकार ने मनरेगा में उपस्थिति और कार्यों के डिजिटल सत्यापन के लिए 'नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम' (एनएमएमएस) ऐप की शुरुआत की। इसके लागू होने के बाद से ही कांग्रेस इस ऐप की व्यावहारिक समस्याओं और इसके द्वारा मनरेगा की आत्मा और मूल उद्देश्य को नुकसान पहुंचाए जाने की बात लगातार उठा रही थी।
 
उन्होंने कहा कि बीते 8 जुलाई को जारी एक अधिसूचना में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने आखिरकार एनएमएमएस से जुड़ी विभिन्न समस्याओं को स्वीकार किया है। रमेश के अनुसार शुरुआत से ही यह स्पष्ट था कि मनरेगा कार्यस्थलों से फोटो अपलोड करने की बाध्यता उन ईमानदार मजदूरों को इससे बाहर कर देगी जिनके क्षेत्र में नेटवर्क ठीक नहीं हैं और जिस कारण से वे अपनी तस्वीर समय पर अपलोड नहीं कर पाते।
 
फर्जी मजदूरों को रोक नहीं सकता : उन्होंने कहा कि इसके अलावा एनएमएमएस फर्जी मजदूरों को रोक नहीं सकता, क्योंकि कोई भी व्यक्ति दिन में 2 बार जाकर फोटो खिंचवा सकता है और एक मिनट भी काम किए बिना भुगतान पा सकता है। यह सामने आया है कि मनमाने ढंग से और नकली तस्वीरें अपलोड की जा रही हैं। यह केवल एनएमएमएस की पूर्ण निष्क्रियता और व्यर्थता को दर्शाता है।
 
रमेश ने कहा कि कांग्रेस ने केंद्र सरकार ने मनरेगा के कार्यान्वयन में कई आवश्यक बदलावों की लगातार मांग की है और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संबंधी संसद की स्थायी समिति ने भी इन मांगों का समर्थन किया है। उनका कहना है कि फोटो अपलोड मॉडल एनएमएमएस ऐप को तत्काल वापस लिया जाए, क्योंकि यह अव्यावहारिक और प्रतिकूल है। कार्य आधारित भुगतान की मूल भावना को दोबारा स्थापित किया जाए, जो कि मनरेगा का केंद्र बिंदु है।
 
रमेश ने यह भी कहा कि बीते दशक की स्थिर मजदूरी संकट की स्थिति को देखते हुए कांग्रेस के 2024 लोकसभा चुनाव के 'न्याय पत्र' (घोषणा पत्र) में प्रस्तावित 400 रुपए प्रतिदिन की न्यूनतम मजदूरी के वादे को लागू किया जाए। कांग्रेस नेता ने कहा कि आधार आधारित भुगतान प्रणाली को अनिवार्य न किया जाए, क्योंकि यह भुगतान में देरी और मजदूरों के काम से वंचित होने का कारण बन रही है। रमेश ने कहा कि मजदूरी का भुगतान 15 दिनों के भीतर किया जाए, जैसा कि कानून में निर्धारित है और किसी भी देरी पर मुआवजा दिया जाए।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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