नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद देश में ऐसी 73,000 कंपनियों के बैंक खातों में 24,000 करोड़ रुपए की रकम जमा कराई गई जिनका पंजीकरण अब रद्द किया जा चुका है। सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
कालेधन और अवैध संपत्तियों पर शिकंजा कसने के लिए कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने करीब 2.26 लाख कंपनियों का पंजीकरण रद्द कर दिया है। ये कंपनियां लंबे समय से कारोबार नहीं कर रही थीं। इनमें से कई कंपनियों का इस्तेमाल धन की हेराफेरी के लिए किए जाने का संदेह है।
मंत्रालय द्वारा संकलित आंकड़ों के मुताबिक 2.26 लाख कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया गया था जिनमें से 1.68 कंपनियों के बैंक खातों से पता चलता है कि नोटबंदी के बाद उनके खातों में रकम जमा कराई गई थी। मंत्रालय ने बयान में कहा कि इनमें से 73,000 कंपनियों के खातों में 24,000 करोड़ रुपए जमा हुए थे। विभिन्न बैंकों से कंपनियों की जानकारी जुटाने की प्रक्रिया चल रही है।
दस्तावेज में यह भी कहा गया है कि 68 कंपनियों के खिलाफ जांच चल रही है। इनमें 19 कंपनियों की जांच गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) जबकि 49 कंपनियों की जांच रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज कर रहा है। (भाषा)