मुंबई। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि गुजरात के 2002 के बिलकिस बानो मामले के दोषियों को सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद रिहा किया गया लेकिन किसी अपराध के दोषी को सम्मानित किया जाना गलत है।
भंडारा जिले में 3 लोगों द्वारा 35 साल की एक महिला के कथित यौन उत्पीड़न की घटना पर राज्य विधान परिषद में हुई चर्चा का जवाब देते हुए फडणवीस ने कहा कि सदन में बिलकिस बानो के मुद्दे को नहीं उठाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 14-20 साल सजा मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार दोषियों को रिहा किया गया। लेकिन इन दोषियों को रिहाई के बाद सम्मानित करना गलत है। अपराधी, अपराधी है। किसी को उनका समर्थन नहीं करना चाहिए।
डर के मारे कई लोगों ने छोड़ा गांव : गुजरात के दाहोद जिले के रंधिकपुर गांव के एक निवासी ने दावा किया कि 2002 के दंगों के दौरान बिल्कीस बानो के साथ बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के जुर्म में उम्र कैद की सजा पाए 11 दोषियों की रिहाई के बाद सुरक्षा चिंताओं के चलते कई मुसलमान गांव छोड़कर चले गए हैं। वह घटना इसी गांव में हुई थी।
पुलिस ने रंधिकपुर में सुरक्षा बढ़ा दी है क्योंकि जेल से रिहा हुए लोग पड़ोस के गांव से हैं, लेकिन उन्होंने ग्रामीणों के पलायन से इनकार किया। हालांकि पुलिस ने माना है कि कुछ लोग गांव छोड़कर चले गए हैं।
रंधिकपुर निवासी शाहरुख शेख ने कहा कि 70 मुस्लिम परिवार डर के साये में जी रहे हैं, जबकि कई अन्य लोग बाहर चले गए हैं और वे अन्य क्षेत्रों में अपने रिश्तेदारों और शुभचिंतकों के साथ रहने लगे हैं।
बिल्कीस बानो मामले में 15 साल जेल की सजा काटने के बाद गुजरात सरकार की माफी नीति के तहत 11 दोषियों को 15 अगस्त को रिहा कर दिया गया था। (इनपुट भाषा)