नई दिल्ली। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने भारतीय विमान कंपनियों के बोइंग 737 बेड़े को बढ़ी हुई निगरानी पर रखा है, क्योंकि चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस का ऐसा ही एक विमान सोमवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 132 लोगों की जान चली गई। डीजीसीए प्रमुख अरुण कुमार ने यह जानकारी दी।
तीन भारतीय विमानन कंपनियों (स्पाइसजेट, विस्तार और एयर इंडिया एक्सप्रेस) के बेड़े में बोइंग-737 विमान हैं। यह पूछे जाने पर कि सोमवार को हुए हादसे के बाद डीजीसीए क्या कदम उठा रहा है, कुमार ने बताया, उड़ान सुरक्षा गंभीर मामला है और हम स्थिति का बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं। इस बीच, हम अपने (बोइंग) 737 बेड़े की निगरानी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
चाइना ईस्टर्न एयरलाइन का बोइंग 737-800 विमान तेंगशियान काउंटी के वुझो शहर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे आसपास के पहाड़ी इलाके में आग लग गई। यह विमान कुनमिंग से गुआंगझू जा रहा था। हादसे में 123 यात्रियों और चालक दल के 9 सदस्यों की मौत हो गई।
आधिकारिक मीडिया की खबर के मुताबिक, विमान में सवार 132 लोगों में कोई भी विदेशी नहीं था। बोइंग-737 मैक्स विमान बोइंग 737-800 का उन्नत संस्करण है और दोनों 737 श्रृंखला के हैं। अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग ने इस मामले पर बयान के लिए अनुरोध का जवाब नहीं दिया।
अक्टूबर 2018 और मार्च 2019 के बीच छह महीने की अवधि में दो बोइंग-737 मैक्स विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए, जिसमें कुल 346 लोग मारे गए थे। इन दो दुर्घटनाओं के बाद डीजीसीए ने मार्च 2019 में भारत में बोइंग-737 मैक्स विमानों पर प्रतिबंध लगा दिया था।
बोइंग द्वारा डीजीसीए की संतुष्टि के लिए सॉफ्टवेयर में किए गए आवश्यक सुधारों के बाद विमान के वाणिज्यिक संचालन पर प्रतिबंध पिछले साल अगस्त में 27 महीने बाद हटा लिया गया था।(भाषा)