भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भगवा और मंदिरों को लेकर दिए विवादित बयान के बाद अब प्रदेश की सियासत गरम हो गई है। भोपाल में देर रात कई मंदिरों के बाहर दिग्विजय सिंह के विरोध में पोस्टर लगाकर उनके मंदिरों में प्रवेश को प्रतिबंध करने की मांग की गई। राजधानी के कई मंदिरों के बाहर जो पोस्टर लगाए गए हैं, उसमें दिग्विजय सिंह को 'हिन्दू विरोधी' बताते हुए उनके लिए मंदिरों के दरवाजे बंद करने करने की मांग की गई है।
अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि ये पोस्टर किसकी तरफ से लगाए गए? लेकिन पोस्टर में निवेदक की जगह 'हिन्दू समाज' लिखा हुआ है। राजधानी में देर रात लगाए गए ये पोस्टर किसी मंदिर के सामने नहीं, कई मंदिरों परशुराम मंदिर, हनुमान मंदिर और सांईं मंदिर की दीवारों के बाहर चस्पा किए गए हैं।
इस पोस्टरों के लगने के बाद एक बार फिर सियासत गर्मा गई है। इससे पहले पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक विश्वास सांरग ने बुधवार को साधु-संतों और मंदिर प्रशासकों से दिग्विजय सिंह के मंदिर जाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। विश्वास सांरग ने संतों से अपील की थी कि अगर दिग्विजय सिंह मंदिर जाएं तो उनका बहिष्कार करें। पूर्व मंत्री के इस बयान के बाद देर रात राजधानी के मंदिरों के बाहर पोस्टर लगने से अब सियासी पारा चढ़ गया है।
मंदिरों में कही थी रेप की बात : भोपाल में कमलनाथ सरकार की तरफ से हुए संत समागम में दिग्विजय ने भगवा और मंदिरों को लेकर विवादित बयान दिया था। कार्यक्रम में देशभर से आए साधु-संतों को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा था कि आज भगवा पहनकर मंदिरों में रेप हो रहे हैं। इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने भगवा वस्त्र पर तंज कसते हुए कहा था कि आज भगवा वस्त्र पहनकर लोग चूरन बेच रहे हैं। दिग्विजय सिंह के इस बयान के बाद काफी सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया था।
भाजपा ने इसे कांग्रेस और दिग्विजय सिंह की सोच बताया था, वहीं बुधवार को देशभर में दिग्विजय सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए थे। ऐसा नहीं है कि दिग्विजय सिंह भगवा को लेकर पहली बार विवादों में रहे हैं। इससे पहले भी वे कई बार भगवा को लेकर अपने बयानों के चलते चर्चा में रह चुके हैं।