देश में एच3एन2 इंफ्लूएंजा वायरस तेजी से फैल रहा है। इंफ्लूएंजा के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।इस बीच AIIMS के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि यह बीमारी कोरोनावायरस (Coronavirus) की तरह ही फैल रही है। उन्होंने कहा कि पहले एक महामारी H1N1 वायरस देखने को मिला था। अब इसका सर्कुलेटिंग स्ट्रेन H3N2 है, इसलिए यह एक सामान्य इन्फ्लूएंजा स्ट्रेन है।
खबरों के अनुसार, देश में H3N2 वायरस के मामलों में तेजी को देखते हुए यह वायरल इंफेक्शन चिंता का कारण बन गया है। एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि यह (H3N2) वायरस हर साल इसी दौरान उत्परिवर्तित होता है और बूंदों से फैलता है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के हालिया डेटा से भी पता चला है कि एच3एन2- इन्फ्लूएंजा वायरस का एक सब टाइप है, जिसका पिछले दो-तीन महीनों से व्यापक प्रकोप है। आईएमए का कहना है कि कुछ मामलों में खांसी, मतली, उल्टी, गले में खराश, बुखार, शरीर में दर्द और दस्त के लक्षण वाले रोगियों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है।
डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि इस वायरस के मामलों में बुखार, गले में खराश, खांसी, शरीर में दर्द और नाक बहने के रोगी सामने आ रहे हैं। ऐसे में गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है। ऐसे लोग एहतियात के तौर पर मास्क पहनें, बार-बार हाथ धोएं। इसके अलावा फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाए रखें।
इस बीच बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं के संक्रमित होने का सबसे ज्यादा खतरा बना हुआ है। आमतौर पर 50 वर्ष से अधिक और 15 वर्ष से कम उम्र के लोगों में एच3एन2 का संक्रमण देखा जा रहा है। डॉ. रणदीप गुलेरिया ने यह भी कहा कि यह वायरस हर साल थोड़ा बदलता है।
Edited By : Chetan Gour