नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कुछ दिशा-निर्देशों के साथ 10 अगस्त से अंतिम वर्ष के स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा कराने की दिल्ली विश्वविद्यालय को शुक्रवार को मंजूरी दे दी। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने कहा कि छात्रों को ई-मेल और विश्वविद्यालय के पोर्टल के जरिए प्रश्नपत्र उपलब्ध कराए जाएं और उन्हें उत्तर पुस्तिका अपलोड करने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाए।
उच्च न्यायालय ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए दिए गए फैसले में कहा कि विश्वविद्यालय को छात्रों को ऑटो जेनरेटेड ई-मेल भेजने का निर्देश दिया जाता है जिसमें यह जानकारी हो कि उनकी उत्तरपुस्तिका मिल गई है। न्यायमूर्ति सिंह ने कहा कि मैं छात्रों और दिल्ली विश्वविद्यालय को परीक्षाओं के लिए शुभकामनाएं देती हूं।
अदालत ने उस याचिका पर यह फैसला दिया जिसमें विश्वविद्यालय के यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार अंतिम वर्ष के स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा कराने के फैसले को चुनौती दी गई थी। डीयू 10 से 31 अगस्त तक ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा (ओबीई) कराएगा और जो छात्र ऑनलाइन परीक्षा में नहीं बैठेंगे, उन्हें बाद में सामान्य रूप से परीक्षा कक्ष में बैठकर परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा, जो सितंबर में आयोजित कराई जाएगी।
उच्च न्यायालय ने फैसला देते हुए यह भी निर्देश दिया कि नोडल अधिकारी और सेंट्रल ई-मेल आईडी की जानकारियां डीयू की वेबसाइट पर प्रकाशित की जाए और उसने साझा सेवा केंद्रों (सीएससी) को अपने सभी केंद्रों को सूचित करने के लिए कहा है। सीएसई उन छात्रों को सेवाएं मुहैया कराने के लिए बनाए गए हैं जिनके पास ओपन बुक परीक्षा देने के लिए बुनियादी ढांचा नहीं है।
उसने कहा कि प्रश्नपत्र को डाउनलोड करने और उत्तर पुस्तिका अपलोड करने में दिक्कतों समेत छात्रों द्वारा उठाए मुद्दे को हल करने के लिए एक अधिकारी होना चाहिए। अगर समस्या का समाधान नहीं होता है तो ऐसे में मामले को शिकायत समिति के पास भेजा जाए।
अदालत ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश प्रतिभा रानी के नेतृत्व में शिकायत समिति का पुनर्गठन किया और कहा कि समिति ओपन बुक परीक्षा के चलने तक काम करेगी और छात्रों की शिकायतों को 5 दिनों के भीतर हल किया जाए। उसने कहा कि ओबीई के नतीजे जल्द ही घोषित किए जाएं और उत्तर पुस्तिका को मूल्यांकन के लिए भेजा जाए। अदालत ने डीयू और समिति ने परीक्षाएं खत्म होने के बाद अपनी-अपनी रिपोर्टें भेजने के लिए कहा।
विश्वविद्यालय ने पहले अदालत को सूचित किया था कि ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा कराने के पीछे का विचार छात्रों को एक जगह एकत्रित होने से रोकना है, जहां कोविड-19 वैश्विक महामारी को देखते हुए शारीरिक दूरी बनाए रखना मुश्किल होगा। डीयू के वकील ने कहा था कि किसी भी छात्र को ऑनलाइन ओबीई के लिए बैठने में बहुत उच्च तकनीक की जरूरत नहीं है, क्योंकि ई-मेल होना ही पर्याप्त होगा। (भाषा)