नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि उसने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में धनशोधन की जांच के सिलसिले में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी कथित सहयोगी अर्पिता मुखर्जी की 48.22 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क कर ली है। संघीय एजेंसी ने कोलकाता की एक विशेष अदालत में मामले में अपना पहला आरोपपत्र भी दायर किया जिसमें उसने चटर्जी और मुखर्जी तथा 6 कंपनियों को आरोपी बनाया है।
एजेंसी ने एक बयान में कहा कि कुर्क की गई संपत्तियों में 1 फॉर्महाउस, कई फ्लैट और कोलकाता में 40.33 करोड़ रुपए की जमीन समेत 40 अचल संपत्तियां शामिल हैं। इसने कहा कि इसके अलावा 35 बैंक खातों में जमा 7.89 करोड़ रुपए की धनराशि भी कुर्क की गई है। इसने कहा कि ऐसा पाया गया है कि कुर्क की गईं संपत्तियों से पार्थ चटर्जी तथा अर्पिता मुखर्जी को लाभ मिला।
एजेंसी के अनुसार कुर्क की गईं कई संपत्तियां मुखौटा कंपनियों तथा चटर्जी के लिए काम कर रहे लोगों के नाम पर रजिस्ट्रीकृत पाई गईं। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार में पूर्व मंत्री चटर्जी और उनकी करीबी सहायक को ईडी ने जुलाई में गिरफ्तार किया था।
वर्तमान में चटर्जी कथित घोटाले के सिलसिले में पूछताछ के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में हैं जबकि मुखर्जी जेल में बंद हैं। चटर्जी को उनकी गिरफ्तारी के बाद ममता बनर्जी सरकार ने मंत्री पद से हटा दिया था। उन्हें तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पद सहित पार्टी के अन्य पदों से भी हटा दिया गया था।
एजेंसी ने कोलकाता और अन्य हिस्सों में इस मामले में छापे मारने के बाद 49.80 करोड़ रुपए की नकदी तथा 55 करोड़ रुपए से अधिक के आभूषण जब्त किए थे। स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती 'घोटाले' में मनी लॉन्ड्रिंग का ईडी मामला सीबीआई की प्राथमिकी से संबंधित है जिसे कलकत्ता उच्च न्यायालय ने समूह 'सी' और 'डी' के कर्मचारियों, कक्षा 9-12 के सहायक शिक्षकों तथा प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच करने का निर्देश दिया था।(भाषा)