मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने विशेष अदालत में कहा कि धनशोधन के मामले में गिरफ्तार महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक का भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पार्कर से लेन-देन था और उनके बेगुनाह होने का सवाल ही नहीं है।
ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल (एएसजी) अनिल सिंह ने यह तर्क मलिक की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान दिया और अदालत ने अर्जी खारिज करने का अनुरोध किया।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता मलिक (63) को ईडी ने दाऊद इब्राहिम और उसके गुर्गों से संबंधित गतिविधि की जांच से जुड़े धनशोधन के मामले में 23 फरवरी को गिरफ्तार किया था और इस समय वह न्यायिक हिरासत में हैं।
कौन है नवाब मलिक : नवाब मलिक महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा नाम है। वे राज्य की महा विकास अघाड़ी सरकार में अल्पसंख्यक, कौशल विकास, उद्यमिता विभाग के मंत्री है।
नवाब मलिक का जन्म 20 जून 1959 को उत्तर प्रदेश में बलरामपुर जिले के धुसवा गांव में हुआ था। 1970 में उनका परिवार मुंबई आ गया। उन्होंने अंजुमन हाईस्कूल से 10वीं और बुरहानी कालेज से 12वीं की पढ़ाई की। उनके परिवार में पत्नी महजबीन, दो बेटे- फराज एवं आमीर और दो बेटियां- निलोफर एवं सना हैं।
नवाब मलिक राजनीति से पहले एक कामयाब बिजनेसमैन थे। राजनीति में भी दिलचस्पी होने के चलते सियासत के मैदान में अपनी किस्मत आजमाई। मूल रूप से उत्तरप्रदेश के रहने वाले नवाब मलिक ने अपना करियर समाजवादी पार्टी से शुरू किया था बाद में वे शरद पवार की एनसीपी में शामिल हो गए। 2 बार वे सपा के टिकट पर और 3 बार एनसीपी के टिकट पर वे विधायक चुने गए।
2020 में मलिक को एनसीपी मुंबई का अध्यक्ष भी बनाया गया। वे एनसीपी प्रमुख शरद पवार के करीबी माने जाते हैं।