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पटाखों का असर, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में खराब हुई वायु गुणवत्ता

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, शुक्रवार, 5 नवंबर 2021 (20:38 IST)
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में दीपावली की रात बड़े पैमाने पर पटाखे फोड़े जाने के बाद शुक्रवार को कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। विभिन्न स्थानों, खासकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लोगों को आज धुंध की मोटी परत से रूबरू होना पड़ा। दिल्ली में इस साल 5 साल में सबसे ज्यादा प्रदूषण का स्तर दर्ज किया गया। 
 
हवा की गुणवत्ता खराब होने के कारण दिल्ली-एनसीआर के निवासियों को गले में जलन और आंखों में पानी आने की दिक्कतों से जूझना पड़ा। त्योहारों के मौसम से पहले दिल्ली सरकार ने एक जनवरी 2022 तक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी और पटाखों की बिक्री तथा इस्तेमाल के खिलाफ सघन अभियान चलाया था।
 
दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बृहस्पतिवार रात ‘गंभीर’ श्रेणी में प्रवेश कर गया और शुक्रवार को दोपहर तीन बजे यह 463 पर पहुंच गया। फरीदाबाद (464), ग्रेटर नोएडा (441), गाजियाबाद (461), गुरुग्राम (470) और नोएडा (471) में अपराह्न 3 बजे वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई।
 
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 को ‘मध्यम’, 201 और 300 को ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 को ‘गंभीर’ माना जाता है।
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पांच साल में सबसे ज्यादा : वर्ष 2020 में दिवाली के अगले दिन 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 435 था जबकि 2019 में 368, 2018 में 390, 2017 में 403 और 2016 में 445 रहा था। इस साल दिवाली के दिन एक्यूआई 382 दर्ज किया गया जोकि वर्ष 2020 में 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 रहा था।
 
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले महीन कण यानी पीएम 2.5 की 24 घंटे की औसत सांद्रता बढ़कर शुक्रवार को दोपहर दो बजे 430 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गई जो 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर की सुरक्षित दर से करीब 7 गुना अधिक है। बृहस्पतिवार शाम छह बजे इसकी औसत सांद्रता 243 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी।
 
पीएम10 का स्तर शुक्रवार को सुबह करीब 5 बजे 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के आंकड़े को पार कर गया और दोपहर 2 बजे यह 558 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था।
 
हरियाणा और पंजाब में 'गंभीर' : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार की सुबह फरीदाबाद (454), गुरुग्राम (473), सोनीपत (411), रोहतक (449), हिसार (421) का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया।
 
करनाल में 304 एक्यूआई के साथ वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही। अम्बाला (268) और पंचकुला (157) में वायु गुणवत्ता क्रमश: ‘खराब’ और ‘मध्यम’ श्रेणी की दर्ज की गई।
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पड़ोसी राज्य पंजाब के लुधियाना का एक्यूआई 300 था, जो ‘खराब’ श्रेणी है, जबकि जालंधर और पटियाला में क्रमश: 348 और 263 के एक्यूआई के साथ वायु की गुणवत्ता क्रमश: ‘बहुत खराब’ और ‘खराब’ दर्ज की गई। दोनों राज्यों की साझा राजधानी चंडीगढ़ में एक्यूआई 152 था, जो मध्यम दर्जे का था।
 
शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच के एक्यूआई को ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच को ‘मध्यम’, 201 से 300 तक को ‘खराब’, 301 और 400 के बीच को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच के एक्यूआई को ‘गंभीर’ माना जाता है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के शहरों -फरीदाबाद और गुरुग्राम- में देर रात तक पटाखे जलाए गए।
 
हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अपने 14 जिलों में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री या इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था। पंजाब और हरियाणा में दीपावली बड़े ही हर्षोल्लास और जोश के साथ मनाई गई। पंजाब ने दो घंटे यानी रात 8 बजे से 10 बजे तक केवल हरित पटाखे फोड़ने की अनुमति दी थी। चंडीगढ़ प्रशासन ने भी हाल ही में किसी भी तरह के पटाखों की बिक्री या इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था।

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