साधना टाप पर 10 से 12 फुट बर्फ, LOC पर भारी बर्फबारी से दबी सेना की पोस्टें

सुरेश एस डुग्गर
गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023 (12:36 IST)
जम्मू। भारत-पाकिस्तान को बांटने वाली लाइन आफ कंट्रोल पर स्थित साधना टाप पर इस बार 10 से 12 फुट की बर्फ ने सेना के लिए परेशानी पैदा कर दी है। करनाह सेक्टर में करीब 11000 फुट की ऊंचाई पर स्थित इस सेक्टर में सेना की कई फारवर्ड सीमा चौकियां बर्फ के नीचे दब गई। हालांकि इससे किसी प्रकार का कोई जनहानि नहीं हुई तारबंदी को भारी नुकसान पहुंचा। 
 
 यह सच है कि कश्मीर के पहाड़ों पर हुई जबरदस्त बर्फबारी ने एलओसी के कई इलाकों में भयानक तबाही भी मचाई है। खासकर सैन्य प्रतिष्ठान और सैनिक इसके शिकार हुए हैं। घुसपैठियों को रोकने की खातिर लगाई गई तारबंदी भी कई स्थानों पर ढह गई। इस कारण सेना को मौसम की भयानक परिस्थितियों में चौकसी और सतर्कता को बढ़ाना पड़ा।
 
बर्फबारी ने उस तारबंदी को बुरी तरह से कई इलाकों में क्षतिग्रस्त कर दिया है जो पाकिस्तानी क्षेत्र से होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए लगाई गई थी। हालांकि यह कोई पहला अवसर नहीं था जब तारबंदी को बर्फबारी ने क्षति पहुंचाई हो बल्कि हर साल होने वाली बर्फबारी तारबंदी को नुकसान पहुंचाती है और फिर सेना के जवान उसे नए सिरे से खड़ा करते हैं।
 
सेना सूत्रों का कहना था कि फिलहाल इसके प्रति अंदाजा लगाना कठिन है कि तारबंदी के कितने किमी के हिस्से को क्षति पहुंची है क्योंकि एलओसी के ऊंचाई वाले कई इलाकों में फिलहाल बर्फबारी रूकी नहीं थी। वहां तक सेना के जवान पहुंचने में कामयाब नहीं हुए थे। 
इतना जरूर था कि बर्फबारी के कारण क्षतिग्रस्त हुई तारबंदी सेना के लिए हर बार की तरह मुसीबत इसलिए बन गई है। 
 
आतंकी टूटी हुई तारबंदी का सहारा लेकर घुसने की कोशिश करते हैं। तारबंदी के क्षतिग्रस्त होने के बाद सेना को एलओसी पर चौकसी तथा सतर्कता को और बढ़ाना पड़ा है। पहले में भी पाक सेना इन्हीं परिस्थितियों का लाभ उठाने की कोशिश करती रही है।
 
यह भी एक कड़वा सच है कि भारी बर्फबारी के बावजूद सेना एलओसी की उन पोस्टों से अपने जवानों को हटाने को तैयार नहीं थी जो 8 से 10 फुट बर्फ के नीचे दब गई हैं। रक्षा प्रवक्ता कहते थे कि असल में तारबंदी भी बर्फ के नीचे दफन हो गई है और इन पोस्टों से सैनिकों को हटा लिए जाने का मतलब साफ होता कि घुसपैठियों को कश्मीर की एलओसी पर दूसरा करगिल प्रकरण तैयार करने का मौका प्रदान करना।
 
अधिकारियों का मानना था कि तारबंदी पाक सेना के लिए परेशानी का सबब इसलिए बन चुकी है क्योंकि इसने आतंकियों के कदमों को रोका है। अक्सर पकड़े गए आतंकी पूछताछ के दौरान रहस्योदघाटन करते हैं कि उस पार प्रशिक्षण शिविरों में गोला-बारूद दागने के अतिरिक्त तारबंदी को फांदने और उसे काटने के तरीके भी सिखाए जाते हैं।
 
मारे गए आतंकियों के कब्जे से ऐसे औजार अक्सर बरामद किए गए हैं जो तारबंदी को काटने में काम आते हैं। इसे गैर सरकारी तौर पर माना जाता रहा है कि आतंकी कई बार तारबंदी को काट घुसपैठ करने में कामयाब रहे हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख