नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस दावे को तथ्यों के आधार पर गलत बताया है, जिसमें उन्होंने आयोग के हवाले से दिल्ली के 10 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से काटे जाने की बात कही थी।
आयोग ने शुक्रवार को केजरीवाल द्वारा मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ओपी रावत से इस मामले में मुलाकात के बाद किए गए दावे को गलत बताया। आयोग की प्रवक्ता शेफाली शरण ने ट्वीट कर कहा कि तथ्यों के आधार पर यह गलत है। चुनाव आयोग ने 10 लाख मतदाताओं के नाम काटे जाने की पुष्टि नहीं की है, जैसा कि आप नेताओं का प्रतिनिधिमंडल यह दावा कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि केजरीवाल ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आप नेता राघव चड्ढा के साथ शुक्रवार शाम को चुनाव आयोग के समक्ष दिल्ली की मतदाता सूचियों से भारी पैमाने पर नाम काटे जाने की शिकायत की थी।
केजरीवाल ने रावत सहित तीनों चुनाव आयुक्तों से मुलाकात करने का दावा करते हुए संवाददाताओं को बताया कि आयोग ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद दस लाख मतदाताओं के नाम काटे जाने और 13 लाख नए मतदाताओं के नाम जोड़े जाने की बात कही है।
केजरीवाल ने भाजपा पर आप और कांग्रेस के समर्थकों के नाम मतदाता सूची से कटवाने का आरोप लगाते हुए इस शिकायत को आयोग के समक्ष उठाने की बात कही थी। चड्ढा ने भी ट्वीट कर कहा कि चुनाव आयोग ने दस लाख मतदाताओं के नाम काटे जाने की बात को स्वीकार किया है।
इसके जवाबी ट्वीट में शरण ने इसे गलत बताते हुए कहा ‘मतदाता सूची का पुनरीक्षण (अपडेट) करने की सतत प्रक्रिया है। अगली सूची चार जनवरी 2019 को ही प्रकाशित होगी।’
आयोग के खंडन पर चड्ढा ने कहा कि चुनाव आयुक्तों से मुलाकात के दौरान मेरे अलावा जितने भी लोग मौजूद थे, उनमें से कोई भी संभवत: इस बात से इंकार नहीं करेगा कि सीईसी ने 10 लाख से अधिक लोगों के नाम काटे जाने की बात कही थी।
उन्होंने कहा कि हमारी तरफ से कोई जोर दिए बिना ही, इस आंकड़े का जिक्र उनके द्वारा ही किया गया था। हमारे लिए सीईसी द्वारा पुष्ट किए गए तथ्य से आयोग के अधिकारियों द्वारा इंकार करना अपेक्षित नहीं है।