नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने संकट में फंसी बुनियादी ढांचा कंपनी आईएल एंड एफएस में निवेश की गई राशि के आकलन के लिए सर्वे शुरू किया है। इसमें 1,374 निजी भविष्य ट्रस्ट का पैसा लगा है जिनका नियमन ईपीएफओ करता है। नुकसान का आकलन करने के बाद ईपीएफओ सर्वे की पूरी जानकारी सरकार को उपलब्ध कराएगा।
सूत्रों के अनुसार, ईपीएफओ ने कारपोरेट मामलों के मंत्रालय तथा वित्त मंत्रालय को भी पत्र लिखकर निकाय के हितों की रक्षा का आग्रह किया है क्योंकि उसका आईएल एंड एफएस के बांड में करीब 574 करोड़ रुपए का निवेश है।
उसने कहा कि ईपीएफओ के पास 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक का कोष है। इसमें हर साल 1.5 लाख करोड़ रुपए की निवेश योग्य राशि उसके हाथ में होती है। इस लिहाज से 574 करोड़ रुपए की राशि बहुत मामूली है।
ईपीएफओ ने अपने द्वारा नियमित 1,374 निजी भविष्य निधि ट्रस्ट के निवेश का आकलन करने के लिए सर्वे शुरू किया है। सर्वे की जानकारी को सरकार को उपलब्ध कराया जाएगा।
उसने यह भी खुलासा किया कि आईएल एंड एफएस ने ईपीएफओ को ब्याज भुगतान में अबतक देने में कोई चूक नहीं की है। अगर ब्याज भुगतान में कोई गड़बड़ होती है तो इस ईपीएफओ मामले में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण से संपर्क करेगा। (भाषा)