नई दिल्ली। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार आबकारी मामले के बाद एक और मामले में CBI जांच के घेरे में घिरती दिख रही है। दिल्ली सरकार के अस्पतालों में नकली दवाओं को लेकर सतर्कता विभाग ने अपनी रिपोर्ट उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सौंपी है। इसके बाद एलजी सक्सेना ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को पत्र लिखकर मामले की सीबीआई जांच के निर्देश दिए हैं।
क्या कहती है विजिलेंस की रिपोर्ट : विजिलेंस विभाग रिपोर्ट में कहा गया है कि ये दवाएं सरकार की केंद्रीय खरीद एजेंसी द्वारा खरीदी गईं और सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों को आपूर्ति की गईं। सरकारी प्रयोगशालाओं में भेजे गए 43 नमूनों में से 3 नमूने विफल रहे जबकि 12 रिपोर्ट अभी भी लंबित हैं। निजी प्रयोगशालाओं में भेजे गए अन्य 43 नमूनों में से 5 नमूने विफल हो गए जबकि 38 नमूने मानक गुणवत्ता के पाए गए हैं। 10 फीसदी से ज्यादा सैंपल फेल होने पर विभाग ने सैंपलिंग का दायरा बढ़ाने की सिफारिश की है।
दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और सांसद मनोज तिवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्वास्थ्य मंत्री को पद से हटाने की मांग की है। इनका कहना है कि दिल्ली सरकार और स्वास्थ्य मंत्री लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। सौरभ भारद्वाज को तत्काल पद से हटाया जाए। इसके लिए भाजपा आंदोलन करेगी।
इससे पहले दिल्ली भाजपा ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में दी जाने वाली दवाइयां टेस्टिंग लैब में हुई फेल, एलजी ने दिए CBI जांच के आदेश, दिल्ली की जनता के स्वास्थ के साथ क्यों खेल रहे हो केजरीवाल?