मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक का मानना है कि कृषि ऋण की माफी से मुद्रास्फीति स्थायी रूप से 0.2 प्रतिशत बढ़ेगी।
रिजर्व बैंक के एक दस्तावेज में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2017-18 में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सहित सात राज्यों में 88,000 करोड़ रुपए की कृषि ऋण माफी को लागू किया जाना है। इससे संभवत: स्थायी रूप से मुद्रास्फीति में 0.2 प्रतिशत का इजाफा होगा।
देश में केंद्र और राज्य सरकारों दोनों द्वारा कृषि कर्ज को माफ करने की घोषणा की जाती है। इसका मकसद प्राकृतिक आपदा-फसल नुकसान से संकट झेल रहे किसानों को राहत प्रदान करना होता है।
रिजर्व बैंक की ओर से जारी ‘मिंट स्ट्रीट मेमो’ में कहा गया है कि ऋण माफी से मध्यम अवधि में राजकोषीय बोझ बढ़ेगा क्योंकि अनिवार्य रूप से यह करदाताओं से कर्ज लेने वालों की ओर स्थानांतरण होता है। (भाषा)