किसान करेंगे 8 दिसंबर को भारत बंद, जलाएंगे मोदी का पुतला

हिमा अग्रवाल
शुक्रवार, 4 दिसंबर 2020 (20:59 IST)
दिल्ली-यूपी बॉर्डर से सैकड़ों किसानों के साथ बैठे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान करते हुए हलचल पैदा कर दी है। टिकैत ने कहा कि ये बंद कृषि बिल के विरोध और किसानों के दमन के खिलाफ है। आज तक देश में बंद राजनीतिक पार्टियां करती थीं, पहली बार पूरे देश का किसान लामबंद होकर अपनी आवाज़ सरकार तक पहुंचाएगा।

राकेश टिकैत पिछले एक सप्ताह से दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर सैकड़ों किसानों के साथ डेरा डाले हुए हैं। उनका कहना है कि यदि 5 दिसंबर को होने वाली सरकार और किसानों की वार्ता विफल होती है तो आगामी 8 दिसंबर को पूरे देश का किसान भारत बंद कर देगा। यही नहीं उन्होंने कहा कि किसान अन्नदाता है, वही उपेक्षित है।
 
उन्होंने कहा कि काश्तकार खेतों में हल चलाने के साथ ऊबड़-खाबड़ सड़कों पर ट्रैक्टर चलाता है। पर इस बार किसान राजपथ की स्मूथ सड़कों पर ट्रेक्टर चलाना चाहता है। गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी की परेड में किसानों को शामिल करने की इच्छा टिकैत ने जाहिर की है।

टिकैत ने कहा तीनों कृषि बिलों में संशोधन होना चाहिए। न्यूनतम समर्थन मूल्य नीचे नीच खरीद करने वालों के खिलाफ कानून बने, यदि सरकार कल होने वाली मीटिंग में किसानों की मांग नही मानती है तो ये विरोध प्रदर्शन अनिश्चितकालीन होगा। इसके अतिरिक्त पूरे देश में बिजली का मूल्य एक समान हो, पंजाब और हरियाणा में बिजली सस्ती है, जबकि उत्तर प्रदेश में मंहगी। किसानों के क्रेडिट कार्ड पर भी मंथन की आवश्यकता है।
 
उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रजोक्ट है, किसानों का गन्ना भुगतान भी डिजिटल होना चाहिए। यदि देश का किसान फसल देता है तो उसका भुगतान तुरंत डिजिटल माध्यम से मिल जाना चाहिए।

बड़ी तादाद में दिल्ली की सीमाओं को किसानों ने घेर रखा है। किसान अपने साथ एक महीने का राशन-पानी लेकर चले हैं। किसानों को इस लड़ाई में सभी राजनीतिक दलों का समर्थन मिल रहा है। ममता बनर्जी ने भी किसान नेताओं से फोन पर बात करके अपना समर्थन दिया है। 

वहीं, भारतीय किसान यूनियन (लखोवाल) के महासचिव एचएस लखोवाल ने अपने इरादे स्पष्ट करते हुए कहा है कि यदि 5 दिसंबर को सरकार कृषि कानूनों को वापस नही लेती है तो पूरे देश में मोदी सरकार और कॉर्पोरेट घरानों के पुतले फूंके जाएंगे। 
 
आगामी 7 तारीख को सभी वीर सपूत मैडलों को वापस करेंगे साथ ही 8 तारीख को समूचा भारत बंद का आह्वान है, जिसके चलते एक दिन के लिए सभी टोल प्लाजा फ्री कर दिए जाएंगे। 
 
यदि सरकार और किसानों की वार्ता 5 दिसंबर को बेनतीजा रहती है, तो किसानों का प्रदर्शन उग्र हो सकता है। सरकार और किसानों की खाई और गहरी हो जाएंगी, जिसे पाट पाना मुश्किल होगा।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख