Farmers Protest Live : किसान आंदोलन को लेकर अमित शाह, राजनाथ सिंह, नरेंद्र तोमर ने भाजपा अध्यक्ष के साथ चर्चा की

Webdunia
रविवार, 29 नवंबर 2020 (23:00 IST)
नई दिल्ली। नए कृषि कानून (Farm Laws 2020) के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान भारी संख्या में दिल्ली से लगी पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश की सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसान आंदोलन से जुड़ी हर जानकारी...


12:38 AM, 30th Nov
हरियाणा की कई खापों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के 'दिल्ली चलो' आह्वान में शामिल होने का निर्णय लिया। हरियाणा की दादरी सीट से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने 'पीटीआई को बताया कि रोहतक में हुई 30 खापों (जाति परिषद) के प्रमुखों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। वे 'सांगवान खाप' के प्रमुख भी हैं। विधायक ने कहा कि दिल्ली की पालम खाप ने भी बैठक में हिस्सा लिया, जिसका नेतृत्व इसके प्रमुख राम करण सोलंकी ने किया।
 
उन्होंने कहा कि बैठक में भाग लेने वाली सभी खापों ने दिल्ली सीमा पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हजारों किसानों का आम सहमति से समर्थन करने का फैसला किया। सांगवान ने कहा कि यह फैसला लिया गया कि विभिन्न खाप अपनी-अपनी पंचायतों में सोमवार को बैठक करेंगी और इसके बाद वे लोग एकत्र होकर किसानों के समर्थन में दिल्ली की ओर कूच करेंगे।  

10:55 PM, 29th Nov
नड्डा के घर हाईलेवल मीटिंग
किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार एक्टिव हो गई है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर अहम बैठक हुई। बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई बीजेपी के दिग्गज मीटिंग में शामिल हुए। नेताओं ने करीब 2 घंटे तक किसान आंदोलन को लेकर मंथन किया।

10:40 PM, 29th Nov
केजरीवाल ने कहा- किसानों से तुरंत बार करे केंद्र सरकार
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों से केंद्र को तत्काल और बिना शर्त बातचीत करनी चाहिए। किसान लगातार 4 दिनों से नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और राष्ट्रीय राजधानी के सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। आम आदमी पार्टी (आप) ने किसानों के प्रदर्शन का समर्थन किया है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने केंद्र से कहा कि उसे तत्काल किसानों से मिलना चाहिए।

04:55 PM, 29th Nov
किसान संगठनों ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकराकर दिल्ली को चारों तरफ से घरने की चेतावनी देते हुए कहा कि वह बिना किसी शर्त के साथ सरकार से बातचीत करना चाहते हैं। किसान संगठनों ने रविवार को यहां सिंघु बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सर्वसम्मति से सरकार के प्रस्ताव को ठुकराने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि बुराड़ी का मैदान आंदोलन की जगह नहीं है बल्कि एक खुला जेल है इसलिए वहां किसी भी हाल में नहीं जाएंगे। शर्तों के साथ किसी भी सूरत में बातचीत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि उनके पास चार महीनों का राशन समेत सारे इंतेजाम हैं। आने वाले दिनों में दिल्ली के पांच महत्वपूर्ण आने जाने वाले मार्गों को पूरी तरह से जाम किया जाएगा। पंजाब में किसान पिछले दो महीने से संघर्ष कर रहे हैं और पिछले चार दिनों से दिल्ली चलो अभियान के तहत किसान विभिन्न मार्गों से दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं। किसान नेताओं ने साफ तौर पर कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के नेताओं को मंच पर अनुमति नहीं दी जाएगी। किसानों का आरोप है कि सरकार ने उनकी मांगों और सवालों पर कोई ध्यान नहीं दिया है। सरकार की कार्यप्रणाली ने अविश्वास और भरोसे की कमी पैदा की है। किसान संगठनों का कहना है अगर सरकार किसानों की मांगों को सम्बोधित करने पर गम्भीर है तो उसे शर्तें लगानी बंद कर देनी चाहिए।

03:52 PM, 29th Nov
-अमित शाह ने हैदराबाद में कहा कि मैंने कभी नहीं कहा कि किसान विरोधी प्रदर्शन राजनीति से प्रेरित है। ना मैं अभी ऐसा कह रहा हूं। 
-मनोहर खट्टर ने कहा कि अगर कोरोनावायरस की वजह से खतरनाक स्थिति उत्पन्न होती है तो इसके लिए पंजाब सरकार जिम्मेदार होगी।  

02:12 PM, 29th Nov
-किसानों ने ठुकराया अमित शाह का प्रस्ताव
-आज शाम 4 बजे सिंधु बॉर्डर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अब अपनी बात रखेंगे किसान नेता।

12:23 PM, 29th Nov
-मन की बात में पीएम मोदी बोले, बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं। बरसों से किसानों की जो मांग थी, जिन मांगों को पूरा करने के लिए किसी न किसी समय में हर राजनीतिक दल ने उनसे वायदा किया था, वो मांग पूरी हुई हैं।
-उन्होंने कहा कि काफी विचार विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया। इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बन्धन समाप्त हुए हैं, बल्कि उन्हें नए अधिकार भी मिले हैं, नए अवसर भी मिले हैं।


10:26 AM, 29th Nov
-बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कृषि संबंधी तीनों कानूनों पर असहमति व्यक्त करते हुए रविवार को कहा कि केंद्र सरकार को इन पर फिर से विचार करना चाहिए।
-मायावती ने यहां जारी एक संदेश में कहा कि इन कानूनों को लेकर पूरे देश के किसान आक्रोशित हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को स्थिति समझनी चाहिए और इनकी इन कानूनों की समीक्षा करनी चाहिए।
-हरियाणा , राजस्थान , पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के किसान संगठन पिछले कई दिनों से दिल्ली में इन कानूनों का विरोध प्रदर्शन करते हुए डटे हुए हैं तथा इन्हें वापस लेने की की मांग कर रहे हैं।
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Security personnel stay put at Singhu border (Delhi-Haryana border) as farmers' protest continues.

Farmers at the border decided yesterday that they'll continue their protest here & won't go anywhere else. It was also decided that they'll meet at 11 am daily to discuss strategy. pic.twitter.com/N7oVTXKVee

— ANI (@ANI) November 29, 2020 >-पंजाब से आए किसान एक तरफ जहां दिल्ली के सिंघु और टिकरी सीमा पर डटे।
-उत्तर प्रदेश की सीमा पर भी भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के नेतृत्‍व में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। 
-बुराड़ी में भी बड़ी संख्या में किसान प्रदर्शन के लिए जुटे। 

09:08 AM, 29th Nov
-दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले आंदोलनकारी किसानों से गृहमंत्री अमित शाह ने अपील की है कि प्रशासन द्वारा तय किए स्थल पर जाकर धरना-प्रदर्शन करें। सरकार उनके साथ 3 दिसंबर से पहले भी बातचीत कर सकती है। 
-भारतीय किसान यूनियन के पंजाब प्रदेश अध्‍यक्ष जगजीत सिंह ने कहा-गृह मंत्री ने बातचीत के लिए शर्तें रखी है। यह अच्छा नहीं है। उन्‍हें बिना किसी शर्त के खुले दिल से बातचीत की पेशकश करनी चाहिए।
-उन्होंने कहा कि हम अपनी प्रतिक्रिया तय करने के लिए रविवार सुबह बैठक करेंगे।  
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