गांधी जयंती पर सोनिया बोलीं, किसानों को खून के आंसू रुला रही है मोदी सरकार

Webdunia
शुक्रवार, 2 अक्टूबर 2020 (10:29 IST)
नई दिल्ली। पंजाब में गांधी जयंती पर भी किसानों का प्रदर्शन जारी रहा। जगह जगह लोग पटरियों पर जमे हुए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने कृषि संबंधी कानूनों (Farm bill) को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर किसानों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया और कहा कि इन ‘काले कानूनों’ के खिलाफ उनकी पार्टी का संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि इन कानूनों के खिलाफ चल रहा आंदोलन सफल होगा और किसानों की जीत होगी।

सोनिया ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर एक वीडियो संदेश में कहा, ‘आज किसानों, मजदूरों और मेहनतकश लोगों के सबसे बड़े हमदर्द, महात्मा गांधी जी की जयंती है। गांधी जी कहते थे कि भारत की आत्मा भारत के गांव, खेत और खलिहान में बसती है। आज ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा देने वाले हमारे पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती भी है।‘

उन्होंने दावा किया, ‘आज देश के किसान और खेतों में काम करने वाले मजदूर कृषि विरोधी तीनों काले कानूनों के खिलाफ सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। अपना खून पसीना देकर देश के लिए अनाज उगाने वाले अन्नदाता किसान को मोदी सरकार खून के आंसू रुला रही है।‘

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान हम सबने सरकार से मांग की थी कि हर जरूरतमंद देशवासी को मुफ्त में अनाज मिलना चाहिए। तो क्या हमारे किसान भाइयों के बगैर ये संभव था कि हम करोड़ों लोगों के लिए दो वक्त के भोजन का प्रबंध कर सकते थे।

उन्होंने आरोप लगाया कि आज देश के प्रधानमंत्री हमारे अन्नदाता किसानों पर घोर अन्याय कर रहे हैं। उनके साथ नाइंसाफी कर रहे हैं, जो कानून किसानों के लिए बनाए गए, उनके बारे में उनसे सलाह मशविरा तक नहीं किया गया। बात तक नहीं की गई, यही नहीं उनके हितों को नज़रअंदाज करके सिर्फ चंद दोस्तों से बात करके किसान विरोधी तीन काले कानून बना दिए गए।

सोनिया के मुताबिक, जब संसद में भी क़ानून बनाते वक्त किसान की आवाज़ नहीं सुनी गई, तो वे अपनी बात शांतिपूर्ण तरीके से रखने के लिए महात्मा गांधी जी के रास्ते पर चलते हुए मजबूरी में सड़कों पर आए। ‘लोकतंत्र विरोधी, जन विरोधी सरकार’ द्वारा उनकी बात सुनना तो दूर, उन पर लाठियां बरसाईं गई।

कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल किया कि आज जब अनाज मंडियां खत्म कर दी जाएंगी, जमाखोरों को अनाज जमा करने की खुली छूट दी जाएगी और किसान भाइयों की ज़मीनें खेती के लिए पूँजीपतियों को सौंप दी जाएंगी, तो करोड़ों छोटे किसानों की रक्षा कौन करेगा?

उन्होंने यह भी पूछा कि किसानों के साथ ही खेत-मज़दूरों और बटाईदारों का भविष्य जुड़ा है। अनाज मंडियों में काम करने वाले छोटे दुकानदारों और मंडी मजदूरों का क्या होगा? उनके अधिकारों की रक्षा कौन करेगा ? क्या मोदी सरकार ने इस बारे सोचा है?

सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा हर क़ानून जन सहमति से ही बनाया है। कानून बनाने से पहले लोगों के हितों को सबसे ऊपर रखा है, लोकतंत्र के मायने भी यही हैं कि देश के हर निर्णय में देशवासियों की सहमति हो। लेकिन क्या मोदी सरकार इसे मानती है? शायद मोदी सरकार को याद नहीं है कि वो किसानों के हक के ‘भूमि के उचित मुआवजा कानून’ को अध्यादेश के माध्यम से भी बदल नहीं पाई थी।

उन्होंने कहा कि तीन काले कानूनों के खिलाफ भी कांग्रेस पार्टी संघर्ष करती रहेगी। आज हमारे कार्यकर्ता हर विधानसभा क्षेत्र में किसान और मजदूर के पक्ष में आंदोलन कर रहे हैं। मैं दावे के साथ कहना चाहती हूं कि किसान और कांग्रेस का यह आंदोलन सफल होगा और किसान भाइयों की जीत होगी।

उधर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गांधी जयंती पर राष्ट्रपिता के एक कथन को उद्धृत करते हुए ट्वीट किया कि मैं दुनिया में किसी से नहीं डरूंगा... मैं किसी के अन्याय के समक्ष झुकूं नहीं, मैं असत्य को सत्य से जीतूं और असत्य का विरोध करते हुए मैं सभी कष्टों को सह सकूं।’ गाधी जयंती की शुभकामनाएं। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख