पंजाब : 15 दिनों के लिए 'रेल रोको आंदोलन' खत्म करने को किसान तैयार, CM ने किया फैसले का स्वागत

Webdunia
शनिवार, 21 नवंबर 2020 (20:14 IST)
चंडीगढ़। आवश्यक आपूर्ति की भारी कमी का सामना कर रहे पंजाब को राहत देने वाले एक कदम के तहत राज्य के किसान संगठनों ने केंद्र के 3 कृषि कानूनों के खिलाफ अपना रेल रोको आंदोलन सोमवार से 15 दिनों के लिए वापस लेने का शनिवार को फैसला किया।
 
हालांकि किसान संगठनों ने कहा कि अगर सरकार उनके मुद्दों को हल करने में नाकाम रहती है तो वे फिर से रेल पटरियों को बाधित कर देंगे। पंजाब में 24 सितंबर से ट्रेन सेवाएं स्थगित हैं जब किसानों ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ अपना 'रेल रोको' आंदोलन शुरू किया।
ALSO READ: शराब कांड पर CM ने दिए कड़े निर्देश, प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर उठाए सवाल
इससे पहले किसानों ने मालगाड़ियों की आवाजाही के लिए सहमति दी थी, लेकिन रेलवे ने मालगाड़ियों को फिर से चलाने से इंकार कर दिया और कहा कि वह मालगाड़ी और यात्री ट्रेनों, दोनों का संचालन करेगा या किसी का भी संचालन नहीं करेगा।
 
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ किसान नेताओं की बैठक के बाद यात्री गाड़ियों की नाकेबंदी को हटाने का फैसला किया गया। क्रान्तिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा कि हमने 23 नवंबर की शाम से यात्री ट्रेनों के लिए अनुमति देने का फैसला किया है। 
 
पंजाब के मुख्यमंत्री ने भी इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि  किसान संगठनों के साथ सार्थक बैठक हुई। यह जानकारी साझा करते हुए खुशी हो रही है कि 23 नवंबर की रात से किसान संगठनों ने 15 दिनों के लिए रेल नाकेबंदी को समाप्त करने का फैसला किया है।
ALSO READ: मोदी सरकार पर भड़कीं महबूबा मुफ्ती, कहा- खुली जेल बन गया है जम्मू-कश्मीर
मैं इस कदम का स्वागत करता हूं क्योंकि इससे हमारी अर्थव्यवस्था में सामान्य स्थिति बहाल हो सकेगी। मैं केंद्र सरकार से पंजाब के लिए रेल सेवाएं फिर से शुरू करने का आग्रह करता हूं।  अमरिंदर से मुलाकात के पहले इस मुद्दे पर विचार करने के लिए किसान संगठनों ने अपनी बैठक की।
 
भारती किसान मंच के अध्यक्ष बूटा सिंह शादीपुर ने यहां बैठक के बाद मीडिया से कहा कि पंजाब के हित को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया।
ALSO READ: कोरोनाकाल में भीलवाड़ा मॉडल को लेकर चर्चा में थीं IAS टीना डाबी, पति अतहर आमिर से ले रहीं तलाक
उन्होंने कहा कि यह निर्णय केंद्र या पंजाब सरकार के दबाव में नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र ने हमारे मुद्दों का हल नहीं किया, तो हम फिर से रेल पटरियों को बाधित करेंगे,  किसान नेताओं ने कहा कि वे 26-27 नवंबर को 'दिल्ली चलो' मार्च के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी जाएंगे।
 
बीकेयू (डकौंडा) के अध्यक्ष बूटा सिंह बुर्जगिल ने कहा कि टोल प्लाजा, रेलवे स्टेशनों के बाहर, शॉपिंग मॉल और भाजपा नेताओं के आवासों के बाहर विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

ट्रेन सेवाओं के स्थगित होने से खेती के लिए उर्वरकों और ताप बिजलीघरों के लिए कोयले की आपूर्ति के अलावा धान खरीद भी प्रभावित हुयी है। किसान संगठनों पर उद्योगों का भी दबाव है, जिन्हें राज्य में मालगाड़ियों के नहीं चलने से करीब 30,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख