फारुख अब्दुल्ला ने किया कश्मीर में पत्थर फेंकने वालों का समर्थन, बोले...

सुरेश एस डुग्गर
जम्मू। चुनाव आते ही नेताओं की नजरें वोट बैंक पर लगने लगती हैं। ऐसा ही काम जम्मू-कश्मीर में पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला कर रहे हैं। लोकसभा के उप चुनाव में वोट बटोरने की खातिर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारुख अब्दुल्ला अब पत्थरबाजों के समर्थन पर उतर आए हैं। नतीजतन कश्मीर में पत्थरबाजी का मुद्दा थमता नजर नहीं आ रहा है। केंद्र सरकार जैसे तैसे करके इस मसले का हल निकालने की कोशिश कर रही है, लेकिन कश्मीर के नेता इस मुद्दे को उछालने में लगे हुए हैं।
 
श्रीनगर में लोकसभा उपचुनाव प्रचार के दौरान नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री फारुख अब्दुल्ला ने घाटी के पत्थरबाजों के प्रति अपनी सहानुभूति जताई है। अब्दुल्ला ने कहा कि जो लोग पत्थर फेंक रहे हैं वे अपने राष्ट्र के लिए लड़ रहे हैं। इनका आतंक से कोई संबंध नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मैं मोदी सरकार को यह बताना चाहता हूं कि पत्थरबाजों का टूरिज्म से कोई संबंध नहीं है।
 
कश्मीरी युवाओं के टूरिज्म या टेररिज्म में से एक चुनने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे पर नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि जो लड़के पथराव करते हैं उनका मकसद देश के लिए लड़ना है, पर्यटन को प्रभावित करना नहीं। उन्होंने कहा कि मैं मोदी साहब को बताना चाहता हूं कि इसमें कोई शक नहीं कि पर्यटन हमारी जिंदगी है लेकिन पथराव करने वालों के पास पर्यटन को बिगाड़ने के लिए कुछ नहीं है। वे भूखे रहेंगे लेकिन देश के लिए पथराव करेंगे और यही हमें समझने की जरूरत है।
 
अब्दुल्ला ने कहा कि हमारी लड़ाई उन लोगों के खिलाफ है जो हमें धर्म के आधार पर बांटना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह पीडीपी और नेकां के बीच की लड़ाई नहीं है, यह सांप्रदायिक ताकतों को हराने की लड़ाई है। कश्मीर में अनंतनाग और श्रीनगर लोकसभा सीटों पर उपचुनाव है। इन्हीं चुनावों के लिए प्रचार करते हुए अब्दुल्ला ने दावा किया कि यह चुनाव फासीवाद और गरिमा के बीच टिके रहने की जंग है, जिसमें एक तरफ भाजपा का सांस्कृतिक एवं अत्याचारी हमला है और दूसरी तरफ कश्मीरियों का सामूहिक सम्मान और उनकी प्रतिष्ठा है।
 
बडगाम के खान साहिब विधानसभा क्षेत्र और ईदगाह के सफाकदल इलाके में जनसभाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने यह टिप्पणी की। कश्मीरी पंडितों पर फारुख के दिए बयान पर लद्दाख से टी. चेवांग ने कहा कि जब पत्थरबाज सुरक्षाबलों को काम करने से रोकते हैं, वह एक युद्ध छेड़ना होता है। श्रीनगर लोकसभा सीट पर 9 अप्रैल को उपचुनाव का आयोजन किया जाएगा। सीट साझेदारी के तहत नेशनल कॉन्फ्रेंस श्रीनगर जबकि कांग्रेस अनंतनाग सीट पर चुनाव लड़ रही है।
 
फारुख अब्दुल्ला ने भले कश्मीरी युवाओं के वोट पाने के लिए इस तरह का बयान दिया हो, लेकिन उनकी पार्टी कश्मीरी पंडितों के वोट हासिल करने की जुगत में भी लगी हुई है। नेकां-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी के रूप में श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव में मैदान में उतरे डॉ. अब्दुल्ला के वास्ते पार्टी ने घर-घर जाकर चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की और यहां कश्मीरी पंडितों से वोट मांगे।
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