श्रीनगर। पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य में 3 बार मुख्यमंत्री रहे फारुक अब्दुल्ला की हिरासत अवधि शनिवार को 3 महीने के लिए और बढ़ा दी गई और वह उपकारागार में परिवर्तित अपने घर में रहेंगे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के गृह विभाग के सलाहकार बोर्ड ने 5 बार के सांसद अब्दुल्ला के मामले की समीक्षा की, जिसने उनकी हिरासत अवधि जनसुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत बढ़ाने की सिफारिश की। केंद्र शासित प्रदेश के गृह विभाग ने गुपकार मार्ग स्थित उनके आवास को उप कारागार घोषित कर दिया है।
अब्दुल्ला (82) के दिल में पेसमेकर लगा हुआ है और कुछ साल पहले उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। वे पहले ऐसे मुख्यमंत्री बन गए हैं जिनके खिलाफ सख्त जन सुरक्षा कानून लगाया गया है।
ममता ने बताया असंवैधानिक कदम : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया- फारूक अब्दुल्ला की हिरासत जनसुरक्षा कानून के तहत तीन महीने के लिए बढ़ा दी गई है...यह बेहद दुखद है। हमारे लोकतांत्रिक देश में ऐसा हो रहा है। ये सब असंवैधानिक कदम है।
5 अगस्त को लिया था हिरासत में : अब्दुल्ला उन कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं में शुमार हैं जिन्हें 5 अगस्त से हिरासत में लिया गया है। केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा हटाने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने की घोषणा की थी।
जनसुरक्षा कानून में दो धाराएं हैं- ‘सरकारी आदेश’ एवं ‘राज्य की सुरक्षा को खतरा’। पहली धारा के तहत किसी भी व्यक्ति को बिना किसी सुनवाई के तीन महीने से एक साल तक जबकि दूसरे धारा के तहत दो साल तक हिरासत में रखने का प्रावधान है।
जनसुरक्षा कानून सिर्फ जम्मू कश्मीर में लागू है जबकि देश के शेष हिस्से में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू होता है। दोनों कानून एक समान है। अब्दुल्ला के अलावा उनका बेटे और पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती तथा कुछ अन्य नेता भी 5 अगस्त से हिरासत में हैं।