Nirmala Sitharaman's statement: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को कहा कि भारत का संविधान (Constitution) अपने अस्तित्व में आने के बाद पिछले 75 वर्षों में समय की कसौटी पर खरा उतरा है जबकि उसी समय के आसपास अपना संविधान तैयार करने वाले 50 देशों में से ज्यादातर देशों ने इसे फिर से लिखा या उनकी विशेषताओं में बदलाव किया है।
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वित्तमंत्री ने 389 सदस्यों को श्रद्धांजलि दी : राज्यसभा में 'भारतीय संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा' पर चर्चा की शुरुआत करते हुए वित्तमंत्री ने 15 महिलाओं सहित संविधान सभा के 389 सदस्यों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने बहुत ही चुनौतीपूर्ण माहौल में भारत का संविधान तैयार किया था। सीतारमण ने कहा कि भारत का संविधान समय की कसौटी पर खरा उतरा है। आज हम भारत के लोकतंत्र के विकास पर बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं।
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देश के संविधान के 75 साल पूरे हो रहे हैं : उन्होंने कहा कि देश के संविधान के 75 साल पूरे हो रहे हैं और यह समय भारत के निर्माण के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने का है, जो इस पवित्र दस्तावेज में निहित भावना को बनाए रखेगा। भारत और उसके संविधान को अपनी अलग पहचान बताते हुए सीतारमण ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 50 से अधिक देश स्वतंत्र हुए और उन्होंने अपना संविधान लिखा। उन्होंने कहा कि लेकिन कई देशों ने अपने संविधानों को बदला है, कई ने न केवल उनमें संशोधन किया है, बल्कि सचमुच अपने संविधान की पूरी विशेषता को बदल दिया है। लेकिन हमारा संविधान समय की कसौटी पर खरा उतरा है।
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उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में समय समय पर संशोधन किए गए हैं। उन्होंने कहा संशोधन समय की मांग थी। उच्च सदन में सोमवार और मंगलवार को 'भारतीय संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा' पर राज्यसभा में चर्चा नियत है। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि समय की कोई कमी नहीं होगी और जितने भी वक्ता बोलने के इच्छुक होंगे, उन्हें चर्चा की अवधि बढ़ाकर समायोजित किया जाएगा।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta