Cyclone Biparjoy : आईएमडी के अनुसार, गुजरात में कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर जिलों में 13 से 15 जून तक 20 सेंटीमीटर से अधिक बारिश हो सकती है। इससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा है। कच्छ में जखाऊ बंदरगाह के निकट तटीय क्षेत्रों से करीब 30,000 लोगों को अस्थायी आश्रय स्थलों में स्थानांतरित किया गया है। NDRF, SDRF के साथ ही सेना ने भी राज्य में बाढ़ राहत टुकड़ियों को तैनात किया है।
मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), अहमदाबाद की निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा कि चक्रवात के 15 जून की शाम को 125-135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से लेकर 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ जखाऊ बंदरगाह के पास कच्छ में मांडवी और पाकिस्तान के कराची के बीच पार करने की संभावना है। सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र के तटीय हिस्सों, खासकर कच्छ, पोरबंदर और देवभूमि द्वारका जिलों में तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
मोहंती ने कहा कि चक्रवात के दस्तक देने और कमजोर होने के बाद, इसके उत्तर-पूर्व और दक्षिण राजस्थान की ओर बढ़ने की आशंका है। इस वजह से 15-17 जून तक उत्तर गुजरात में भारी से बहुत भारी बारिश होगी। चक्रवात के कारण क्षेत्र में अत्यधिक भारी वर्षा के मद्देनजर मछली पकड़ने संबंधी गतिविधियों को 16 जून तक निलंबित कर दिया गया है। समुद्र 14 जून तक बहुत अशांत रहेगा, 15 जून को इसका स्तर और बढ़ जाएगा।
अमित शाह ने दिए निर्देश : चक्रवात के मद्देनजर तैयारियों का जायजा लेने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई बैठक में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात सरकार से संवेदनशील स्थानों पर रहने वाले लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाने की व्यवस्था करने और बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य तथा पेयजल जैसी सभी आवश्यक सेवाएं सुनिश्चित करने को कहा।
बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, दो केंद्रीय मंत्रियों, गुजरात के कई मंत्रियों और चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका वाले आठ जिलों के सांसद, विधायक और अधिकारियों ने भाग लिया।
तटवर्ती इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया : राज्य राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने कहा कि हमने उन तटवर्ती इलाकों के निकट रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पहले ही शुरू कर दिया है, जिनके चक्रवात से सबसे अधिक प्रभावित होने की आशंका है। अभी तक विभिन्न जिलों के प्रशासन ने करीब 30,000 लोगों को अस्थायी आश्रय स्थलों पर पहुंचाया है।
अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार का लक्ष्य तट से 10 किलोमीटर के इलाके में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि अब तक चक्रवात से संबंधित एक मौत दर्ज की गई है।
NDRF की 17 और SDRF की 12 टीमें तैनात : सरकार ने कहा है कि प्रभावित जिलों देवभूमि द्वारका, राजकोट, जामनगर, जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, मोरबी और वलसाड में एनडीआरएफ की 17 और एसडीआरएफ की 12 टीम पूरी तरह तैयार हैं।
कच्छ जिले के तटीय गांवों से सैकड़ों लोगों को निकाले जाने के बीच अधिकारियों को चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है क्योंकि कई ग्रामीण अपने पशुओं और सामान को छोड़कर जाने के लिए तैयार नहीं हैं।
रेल सेवाओं पर क्या होगा असर : पश्चिम रेलवे ने कहा कि उसने एहतियात के तौर पर अब तक 69 ट्रेन रद्द की हैं, 32 ट्रेन को गंतव्य से पहले रोक दिया है और 26 अन्य ट्रेन के कार्यक्रम में भी बदलाव किया गया है।
भुज पहुंचे मांडविया : इस बीच केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कच्छ के भुज में तैयारी के उपायों की समीक्षा की। मांडविया के अलावा चार अन्य केंद्रीय मंत्री बचाव और निकासी उपायों में राज्य प्रशासन के साथ मदद और समन्वय के लिए विभिन्न जिलों में पहुंचे।
Edited by : Nrapendra Gupta