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क्या होता है Biparjoy का मतलब, कैसे पड़ा ये नाम? जानिए कौन और कैसे तय होते हैं तूफानों के नाम?

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, मंगलवार, 13 जून 2023 (12:00 IST)
Cyclone Biparjoy : च्रकवाती तूफान बिपरजॉय ने तबाही का ट्रेलर दिखाना शुरू कर दिया है। गुजरात में तूफानी गतिविधियों से अब तक 3 लोगों की मौत हो गई है। महाराष्ट्र के मुंबई और देश के दूसरे तटीय इलाकों में भी यह खतरनाक साबित हो सकता है। तटीय इलाकों से अब तक 7500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। 
तूफान की वजह से मुंबई, गुजरात और केरल के किनारे समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरे उठ रहे हैं। कई जगहों पर बारिश तेज हवाओं के साथ बारिश भी होने लगी है। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों जगहों से तूफान बन रहे हैं और ये तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक चक्रवात बिपरजॉय धीरे-धीरे 5 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर की दिशा में आगे बढ़ रहा है और 14 जून के बाद इसकी दिशा बदलेगी। 15 जून की दोपहर तक 125-135 किमी/घंटा की रफ्तार से एक बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान सौराष्ट्र, कच्छ और पाकिस्तान के तट से टकराएगा। 14-15 जून को सौराष्ट्र, कच्छ में तेज बारिश होगी।

बिपरजॉय तूफान के साथ ही इसके नाम को लेकर भी देशभर में चर्चा है। आइए जानते हैं च्रकवाती तूफान का नाम बिपरजॉय कैसे पड़ा और कौन तूफानों के नाम तय करता है।

किस देश ने रखा बिपरजॉय नाम : चक्रवाती तूफान के नाम कुछ अजीब होते हैं, कुछ याद रह जाते हैं तो कुछ नहीं। तूफानों के नाम अलग-अलग देश रखते हैं। इस च्रकवाती तूफान बिपरजॉय का नाम बांग्लादेश ने दिया है। बांग्ला में बिपरजॉय का अर्थ विनाशक (डिजास्टर) होता है। बता दें कि विश्व मौसम विज्ञान संगठन के सदस्य देश चक्रवाती तूफान का नाम तय करते हैं।
यूएन के इकोनॉमिक एंड सोशल कमीशन फॉर एशिया एंड पैसिफिक (ESCAP) पैनल के 13 सदस्य देश नार्थ हिंद महासागर में उठाने वाले तूफानों के नाम तय करते है। 13 देशों के पैनल में भारत, पाकिस्तान, ओमान, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, मालदीव, थाईलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, यमन शामिल हैं। बिपरजॉय को नाम देने का काम बांग्लादेश ने किया था।

क्यों रखे जाते हैं तूफानों के नाम : आपको बता दें कि चक्रवात तूफान के बारे में भविष्यवाणी और भ्रम की स्थिति से बचने के लिए चक्रवाती तूफान का नाम दिया जाता है। एक समय में एक से ज्यादा चक्रवाती तूफान उठ सकते हैं। चक्रवात का नाम पता रहने पर सटीक भविष्यवाणी की जा सकती है। चक्रवातों का नाम ज्यादातर उन क्षेत्रों के नाम पर रखा जाता है जहां से चक्रवात बनते हैं। ये ज्यादातर समुद्र या नदी के क्षेत्र से बनते हैं।

कैसे आता है चक्रवाती तूफान : चक्रवात आने के पीछे भी साइंस है। दरअसल, समुद्री जल का तापमान बढ़ने पर इसके ऊपर मौजूद हवा गर्म हो जाती है। यह ऊपर की ओर उठने लगती है तो उस जगह कम दबाव का क्षेत्र बनने लगता है। इसे भरने के लिए पास की ठंडी हवा कम दवाब वाले जगह की ओर बढ़ने लगती है। गर्म और ठंडी हवाओं के मिलने से तूफान का जन्म होता है। यही तूफान तेज हवाओं के साथ बारिश भी लाता है।
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कितने तरह के होते हैं तूफान : दरअसल चक्रवाती तूफान कई तरह के होते हैं। चक्रवाती तूफान को हवा की रफ्तार के तहत 5 तरह की श्रेणियों में बांटा गया है। पहली श्रेणी में तूफान की रफ्तार 119 किमी से 153 किमी होती है। दूसरी श्रेणी में 154 से 177 किमी प्रति घंटे होती है। तीसरे श्रेणी में 178 से 208 किमी की रफ्तार वाले को रखा गया है। 209 से 251 प्रति घंटे की रफ्तार वाले साइक्लोन को चौथी श्रेणी और 252 किमी प्रति घंटा या उससे ज्यादा की रफ्तार वाले को तूफान को पांचवी श्रेणी में बांटा गया है।

कैसे बनते हैं चक्रवात : साइक्लोन शब्द ग्रीक भाषा के साइक्लोस (Cyclos) से लिया गया है। इसका अर्थ है सांप की कुंडलियां। इसे ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में ट्रॉपिकल साइक्लोन समुद्र में कुंडली मारे सांपों की तरह दिखाई देते हैं। चक्रवात एक गोलाकार तूफान (सर्कुलर स्टॉर्म) होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं। जब ये चक्रवात जमीन पर पहुंचते हैं तो अपने साथ भारी बारिश और तेज हवाएं लेकर आते हैं। ये हवाएं उनके रास्ते में आने वाले पेड़ों, गाड़ियों और कई बार तो घरों को भी तबाह कर सकती हैं

बिपरजॉय कितना खतरनाक : बिपरजॉय एक लगातार खतरनाक होता चक्रवात है। इसकी वजह से केरल, मुंबई और गुजरात के समुद्री तटों पर ऊंची-ऊंची लहरें यानी हाई टाइड उठ रही हैं। कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी में 15 जून सुबह से शाम तक 125 से 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की हवाओं के साथ तूफान आ सकता है और हवा की रफ्तार 145 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।
Edited & written by Navin Rangiyal


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