केरल में रविवार को बारिश थमने के बाद लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली। बाढ़ से मची त्रासदी ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया और सैकड़ों की जानें ले लीं। 'भगवान के इस देश' में बाढ़ की तबाही के कारण 7,24,649 लोग राहत शिविरों में हैं। बाढ़ पीड़ितों के लिए 5,645 राहत शिविर बनाए गए हैं। इस प्राकृतिक आपदा में करीब 370 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन केरल पर अभी एक खतरा और मंडरा रहा है।
केरल पर संक्रामक रोगों का खतरा मंडरा रहा है। संक्रामक रोगों के खतरे को देखते हुए केरल में 3767 मेडिकल रीलीफ कैंप बनाए गए हैं। 90 तरह की दवाएं केरल भेजी गई हैं। फिलहाल राहत की बात यह कि अभी संक्रामक रोग के फैलने की कोई खबर नहीं है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है ऐसे वातावरण में रोगों के फैलने की आशंका बढ़ जाती है।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कि 'हमारी सबसे बड़ी चिंता लोगों की जान बचाने की था। लगता है कि इस दिशा में काम हुआ। उन्होंने कहा कि 'शायद यह अब तक की सबसे बड़ी त्रासदी है, जिससे भारी तबाही मची है, इसलिए हम सभी प्रकार की मदद स्वीकार करेंगे। उन्होंने बताया कि 1924 के बाद प्रदेश में बाढ़ की ऐसी त्रासदी नहीं आई।