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41 साल बाद कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार दोषी करार, सिख दंगों में था हाथ

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , बुधवार, 12 फ़रवरी 2025 (17:15 IST)
Sajjan Kumar convicted : दिल्ली की एक अदालत (court) ने 1984 के सिख दंगों (Sikh riots) से संबंधित दूसरे मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) को दोषी करार दिया है जबकि उनके खिलाफ 2 और मामले दर्ज हैं। कुमार को 1 नवंबर 1984 को दिल्ली के सरस्वती विहार में हुई हिंसा के दौरान जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या के मामले में दोषी करार दिया गया है।
 
अदालत में 18 फरवरी को सजा पर बहस : अदालत में 18 फरवरी को सजा पर बहस होगी। इस मामले में अधिकतम सजा मृत्युदंड और न्यूनतम सजा आजीवन कारावास है। सज्जन कुमार को दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के पालम कॉलोनी के राज नगर पार्ट-I क्षेत्र में 1-2 नवंबर, 1984 को 5 सिखों की हत्या और राज नगर पार्ट-II में एक गुरुद्वारा जलाने के मामले में उच्च न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।ALSO READ: सज्जन कुमार की बढ़ीं मुश्किलें, हत्या मामले में दोषी करार, 18 को होगी सजा पर बहस
 
अपील उच्चतम न्यायालय में लंबित : दोषसिद्धि के खिलाफ उनकी अपील उच्चतम न्यायालय में लंबित है। 2 अन्य मामलों में निचली अदालत द्वारा उन्हें बरी किए जाने के खिलाफ दायर 2 अन्य अपीलें फिलहाल उच्च न्यायालय में लंबित हैं। दिल्ली की निचली अदालतों में कुमार के खिलाफ 2 मामले लंबित हैं जिनमें से एक नवादा के गुलाब बाग स्थित एक गुरुद्वारे के पास हुई हिंसा से संबंधित है। इस मामले में एक न्यायाधीश ने अगस्त 2023 में उन पर मुकदमा चलाने को मंजूरी दी थी।ALSO READ: कुंभ मेले में साधुओं के 13 अखाड़ों में से सिखों का कौनसा अखाड़ा रहता है?
 
दंगों में 2,733 लोगों की मौत हुई थी : दिल्ली की एक अदालत 1984 में जनकपुरी और विकासपुरी इलाकों में हुए दंगों से संबंधित एक मामले की भी सुनवाई कर रही है। हिंसा और उसके बाद की घटनाओं की जांच के लिए गठित नानावटी आयोग की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में दंगों के संबंध में 587 प्राथमिकी दर्ज की गईं। दंगों में 2,733 लोगों की मौत हुई थी। कुल मिलाकर लगभग 240 प्राथमिकियों को पुलिस ने 'अज्ञात' बताकर बंद कर दिया था और 250 मामलों में आरोपियों को बरी कर दिया गया। फिलहाल राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न अदालतों में लगभग 20 मामले लंबित हैं।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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