Prajwal Revanna gets life imprisonment in rape case: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते और जनता दल एस के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार मामले में अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उन पर 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने गुरुवार को रेप मामले में दोषी ठहराया था। इससे पहले प्रज्वल ने रोते हुए जज से सजा कम करने की अपील की थी। जब यह मामला सामने आया था, तब इसे देश का सबसे बड़ा सेक्स स्कैंडल कहा गया था।
सुनवाई के दौरान रो पड़ा प्रज्वल : प्रज्वल शनिवार को सुनवाई के दौरान अदालत में रो पड़ा। उसने न्यायाधीश से कम सजा देने की अपील की। जदएस के निलंबित नेता ने अदालत से कहा कि वह मेकैनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई कर चुका है और हमेशा योग्यता के आधार पर उत्तीर्ण हुआ है। प्रज्वल ने कहा- वे कहते हैं कि मैंने कई महिलाओं के साथ बलात्कार किया है, लेकिन कोई भी महिला स्वेच्छा से शिकायत करने नहीं आई है, वे पिछले साल लोकसभा चुनाव से 6 दिन पहले सामने आई थीं। अभियोजन पक्ष उन्हें जानबूझकर लेकर आया और शिकायत दर्ज करवाई।
कर्नाटक की सियासत में तूफान लाने वाला फैसला : विशेष सत्र अदालत ने इस सनसनीखेज मामले में प्रज्वल को एक 48 वर्षीय महिला के साथ बलात्कार का दोषी पाया, जो उनके परिवार के गन्निकड़ा (हासन) स्थित फार्महाउस में पूर्व में सहायिका थी। इस खबर ने न केवल हासन, बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया है।
सत्ता का दुरुपयोग और अपराध का काला खेल : प्रज्वल रेवन्ना, जो हासन से सांसद रह चुके हैं और कर्नाटक के सबसे प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं, पर लंबे समय से गंभीर आरोपों का साया था। उनके खिलाफ बलात्कार के तीन और यौन उत्पीड़न का एक मामला दर्ज है, लेकिन यह पहला मामला है जिसमें मुकदमा पूरा हुआ और उन्हें दोषी करार दिया गया। पीड़िता, जो रेवन्ना परिवार के फार्महाउस में काम करती थी, ने हिम्मत दिखाते हुए अपने साथ हुए अत्याचार की शिकायत दर्ज की थी। चार्जशीट के अनुसार, प्रज्वल ने 2021 में पीड़िता के साथ दो बार बलात्कार किया। पहली बार हासन में परिवार के आवास पर और दूसरी बार बेंगलुरु के बसवनगुडी में उनके घर पर।
इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब अप्रैल 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान प्रज्वल से जुड़े करीब 3000 अश्लील वीडियो और तस्वीरें पेन ड्राइव के जरिए हासन में फैल गईं। इन वीडियो में कथित तौर पर प्रज्वल द्वारा कई महिलाओं का यौन शोषण दर्ज था, जिसने पूरे देश में आक्रोश पैदा किया। इसके बाद प्रज्वल जर्मनी भाग गया, जिसके लिए उसने कथित तौर पर अपने डिप्लोमैटिक पासपोर्ट का इस्तेमाल किया। मई 2024 में उनकी वापसी और गिरफ्तारी ने इस मामले को और सनसनीखेज बना दिया था।
प्रज्वल मामले की टाइमलाइन : 15 महीने की जांच, 113 गवाह और तेजी से चला मुकदमा : इस मामले की जांच और सुनवाई ने अभूतपूर्व रफ्तार दिखाई। आइए जानते हैं इस सनसनीखेज मामले का संपूर्ण घटनाक्रम...
अप्रैल 2024 : हासन में पेन ड्राइव के जरिए प्रज्वल के कथित सेक्स स्कैंडल की वीडियो और तस्वीरें सामने आईं। इसके बाद प्रज्वल जर्मनी भाग गया।
28 अप्रैल, 2024 : होलेनरसीपुर टाउन पुलिस स्टेशन में पीड़िता की शिकायत पर पहला FIR दर्ज हुई और विशेष जांच दल का गठन हुआ।
मई 2024 : प्रज्वल की वापसी के बाद गिरफ्तारी। एसआईटी ने जांच तेज की और तीन बलात्कार और एक यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया।
सितंबर 2024 : एसआईटी ने 1632 पन्नों की चार्जशीट दायर की, जिसमें 113 गवाहों के नाम और ठोस सबूत शामिल थे। आईपीसी की धारा 376 (2) (k) (प्रभुत्व की स्थिति में बलात्कार), 376 (2) (n) (बार-बार बलात्कार) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66E (गोपनीयता का उल्लंघन) के तहत आरोप लगाए गए।
2 मई, 2025 : विशेष सत्र अदालत में मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई। न्यायाधीश संतोष गजानन भट की अध्यक्षता में रोजाना सुनवाई हुई।
18 जुलाई, 2025 : दो महीने से भी कम समय में सुनवाई पूरी हुई। अभियोजन पक्ष ने 26 गवाहों की जांच की और 180 दस्तावेज पेश किए।
30 जुलाई, 2025: अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा, लेकिन मोबाइल लोकेशन डेटा और अन्य तकनीकी सबूतों पर स्पष्टीकरण मांगा.
1 अगस्त, 2025 : विशेष अदालत ने प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार का दोषी करार दिया।
2 अगस्त, 2025 : कोर्ट ने प्रज्वल रेवन्ना को उम्रकैद की सजा सुनाई साथ ही 5 लाख का जुर्माना भी लगाया। Edited by: vrijendra Singh Jhala