Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

सामने आए बेरोजगारी के भयावह आंकड़े, 6 वर्षों में घटी 90 लाख नौकरियां

हमें फॉलो करें सामने आए बेरोजगारी के भयावह आंकड़े, 6 वर्षों में घटी 90 लाख नौकरियां
, शनिवार, 2 नवंबर 2019 (11:09 IST)
नई दिल्ली। सरकार के तमाम दावों के बीच रोजगार घटने के भयावह आंकड़े सामने आए हैं। पिछले 6 सालों में करीब 90 लाख नौकरियां घट गई हैं। अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के सेंटर ऑफ सस्टेनेबेल इम्प्लॉयमेंट की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार आजाद भारत में पहली बार ऐसा हुआ है। ये आंकड़े 2011-12 और 2017-18 के बीच के हैं। रिपोर्ट को संतोष मेहरोत्रा और जेके परिदा ने सेंटर ऑफ सस्टेनेबल इम्प्लॉयमेंट के लिए तैयार किया है।
 
भारत में इकट्ठा हो रही है बेरोजगारों की फौज : सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के ताजा आंकड़े के अनुसार भारत में बेरोजगारों की फौज इकट्ठा हो रही है। अक्टूबर में बेरोजगारी की दर 8.5 फीसदी हो गई है, जो पिछले 3 वर्षों में सबसे ज्यादा है। बेरोजगारी की दर अगस्त 2016 के बाद सबसे ज्यादा है। यह सितंबर के मुकाबले 7.2 फीसदी ज्यादा है। ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में बेरोजगारों की फौज इकट्ठा हो रही है।
 
डिग्रियों के मुताबिक नहीं मिल रहीं नौकरियां : सबसे चिंताजनक बात यह है कि युवाओं का एजुकेशन क्वालिफिकेशन बढ़ता जा रहा है लेकिन उन्हें नौकरियां नहीं मिल रही हैं। जिस संख्या में पढ़े-लिखे युवा बढ़ रहे हैं, उस हिसाब से उन्हें नौकरियां नहीं मिल पा रही हैं।
 
15 से 29 वर्ष के युवाओं पर की गई रिसर्च : जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी और पंजाब सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने मिलकर बेरोजगारी की दर पर रिसर्च की। इसमें 15 से 29 वर्ष की उम्र वाले लोगों के रोजगार के अवसर मिलने पर अध्ययन किया गया। इस रिसर्च में यह सामने आया कि 2004-05 के बीच 8.9 मिलियन यानी 89 लाख युवा बेरोजगार थे। 2011-12 में इनकी संख्या बढ़कर 9 मिलियन यानी 90 लाख हो गई। 2017-18 में युवा बेरोजगारों की फौज 2.50 करोड़ के पार पहुंच गई।
 
इस रिसर्च में सामने आया कि उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, ओडिशा, गुजरात, केरल समेत अन्य राज्यों में 2.5 करोड़ से अधिक युवा बेरोजगार हैं। त्रिपुरा में बेरोजगारी की दर 23.3 प्रतिशत रिकॉर्ड की गई है।
 
सीएमआईई ने किया था सुधार का दावा : इससे पहले सीएमआईई के मई के आए सर्वे में देश में बेरोजगारी की स्थिति में सुधार का दावा किया गया था। मई में पेश रिपोर्ट में कहा गया था कि मई से अगस्त के बीच करीब 40 करोड़ 49 लाख लोगों के पास नौकरियां थीं, जबकि पिछले साल इसी दौरान 40 करोड़ 24 लाख लोगों के पास नौकरियां थीं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

जासूसी पर WhatsApp का बयान- मई में सरकार को दी थी जानकारी