बालासोर में सदी के सबसे भयानक रेल हादसे के बाद वीभत्स था नजारा, देवदूत बन मदद के लिए आगे आए स्थानीय लोग: प्रताप चंद्र सारंगी
वेबदुनिया पर पढ़ें बालासोर सांसद प्रताप चंद्र सारंगी की जुबानी रेल हादसे की पूरी कहानी
Balasore train accident:ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम सदी के सबसे भयानक रेल हादसे (Balasore train accident) में अब तक 280 से अधिक लोगों को मौत हो चुकी है। वहीं हादसे में एक हजार से अधिक लोग घायल हुए है। हादसा कितना भीषण था इस अंदाजा घटनास्थल से आई तस्वीरों के देखकर लगाया जा सकता है। घटनास्थल पर ट्रेन की कई बोगियां पलटी हुई दिखाई रही रही है तो वहीं कुछ बोगियां एक-दूसरे के ऊपर चढ़ी हुई हैं और कुछ बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे कितना भयानक था इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता कि मालागाड़ी के ऊपर यात्री ट्रेन का इंजन चढ़ा गया।
बालासोर में हुए भयानक रेल हादसे के बाद राहत और बचाव काम युद्दस्तर पर जारी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और बालासोर से स्थानीय भाजपा सांसद प्रताप चंद्र सांरगी घटना के बाद मौके पर सबसे पहुंचने वालों लोगों में से एक थे। भाजपा सांसद प्रताप चंद्र सारंगी रात से मौके पर जुटे है। वेबदुनिया ने भाजपा सांसद से बात कर पूरे हादसे की तस्वीर समझने का प्रयास किया। पढ़िए बालासोर के स्थानीय भाजपा सांसद प्रताप चंद्र सारंगी की जुबानी सदी के सबसे भयानक हादसे की पूरी कहानी।
हादसे के बाद वीभत्स था नजारा- शुक्रवार शाम हादसे के बाद सबसे पहले मौके पर पहुंचने पूर्व केंद्रीय मंत्री और बालासोर से भाजपा सांसद प्रताप चंद्र सारंगी लगातार मौके पर राहत बचाव काम में जुटे हुए है। रेल हादसे को लेकर वेबदुनिया से बातचीत में सांरगी बताते है कि हादसे की सूचना मिलते ही वह मौके पर पहुंचे है और रात से ही वह राहत कार्य में जुटे हुए है। घटना के बाद के दृश्यों को साझा करते हुए प्रताप चंद्र सारंगी कहते हैं कि हादसा बहुत वीभत्स था, रेल की पटरियां उखड़ी (टूटी) हुई पड़ी थी। ट्रेन के डिब्बों के अंदर घायल लोगों चीख पुकार मची हुई थी। मौके पर पहुंचने के बाद तुरंत राहत-बचाव काम में अपनी टीम के साथ जुट गए और घायलों को मेडिकल सहायता दिलाना शुरु किया।
स्थानीय भाजपा सांसद बताते है कि वह रात से ही मौके पर मौजूद है और उनके साथ रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय मंत्री धमेंद्र प्रधान भी मौके पर मौजूद है। वहीं घटना का जायजा और पीड़ितों से मिलने के लिए प्रधानमंत्री आ रहे है। पूर्व मंत्री कहते हैं कि प्रधानमंत्री के मौके पर आने से राहत बचाव काम में जुटे रेलवे के स्टॉफ के साथ एनडीआरएफ के साथ अन्य स्थानीय कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन मिलेगा।
बढ़ सकता है मृतकों का आंकड़ा- वहीं घटना में मृतकों के आंकड़े पर सांसद प्रताप चंद सारंगी कहते है कि अभी कुछ भी बोला नहीं कहा जा सकता। अब तक 238 लोगों की मौत हो चुकी है और मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है। प्रताप चंद्र सारंगी बताते है कि हादसे में घायल हुए लोगों का इलाज बालासोर के साथ भद्रक, कटक, गोपालपुर, सोरो और खंटापारा के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
मदद के साथ ब्लड डोनेट के लिए आगे आए स्थानीय लोग- वेबदुनिया से बातचीत में बालासोर के स्थानीय सांसद प्रताप चंद्र सांरगी बताते है कि हादसे के बाद स्थानीय लोग रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सबसे पहले आगे आए है और लोगों की मदद से कई लोगों को सकुशल निकाला गया। स्थानीय लोग स्टेचर और कपड़ों में लेकर उनके इलाज के लिए लेकर जाना और मृतकों के डेडबॉडी निकालने का काम कर रहे है। वहीं घटना में घायलों का इलाज कई अस्पतालों में चल रहा है औऱ घायलों को ब्लड देने के साथ उनकी मदद के लिए बालासोर के लोग बड़ी संख्या मे अस्पताल पहुंचे है। वह कहते हैं कि लोग बड़ी संख्या में अस्पतालों में लाइन में खड़े होकर ब्लड डोनेट करने के साथ कपड़ा और खाने पानी के सामान देकर उनकी मदद कर रहे है। स्थानीय लोगों के साथ भाजपा कार्यकर्ता भी घटना स्थल पर अस्पताल में लोगों को मुफ्त भोजन करवा रहे है।
जांच से पता चलेगा हादसे का कारण-बालासोर जिले में शुक्रवार शाम तीन ट्रेन बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी कैसे हादसे का शिकार हो गई अब यह बड़ा सवाल है। इस पर पूर्व मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी कहते हैं कि पूरी घटना के जांच के आदेश दे दिए गए है और जांच के बाद ही कारणों का पता चलेगा। वह कहते हैं कि हादसे के बाद रेल मंत्रालय और सरकार की तरफ से पीड़ितों लिए मुआवजा का एलान किया गया है। रेल मंत्रालय ने घटना में मारे गए मृतकों को परिजनों को 10-10 लाख की आर्थिक सहायता और गंभीर रुप से घायलों को 2-2 लाख और मामूली घायलों को 50 हजार की आर्थिक सहायता देने का एलान किया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हादसे में प्रत्येक मृतक के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50 हजार की राशि देने का एलान किया है।