दिल्ली में 4 फीसदी वोटों से हो गया खेल, आप और कांग्रेस की दूरियों का मिला BJP को फायदा

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शनिवार, 8 फ़रवरी 2025 (13:42 IST)
Delhi Assembly Election Result 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने निर्णायक बढ़त हासिल कर ली है। 26 साल बाद दिल्ली में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनने जा रही है। पिछली बार 1993 में भाजपा की सरकार बनी थी। इस चुनाव में कांग्रेस लगातार तीसरी बार अपना खाता नहीं खोल पाई। जबकि, भाजपा सबसे ज्यादा वोट हासिल कर दिल्ली विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। हालांकि भाजपा और आम आदमी पार्टी को मिले वोटों में सिर्फ 4 फीसदी अंतर है। हालांकि यह तय है कि यदि आप और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ते तो शायद परिणाम कुछ अलग भी हो सकते थे। 
 
भाजपा को 46 फीसदी से ज्यादा वोट : भाजपा इस चुनाव में 46.61 फीसदी वोट मिले हैं, जबकि दूसरे नंबर रही आम आदमी पार्टी को 43.37 फीसदी वोट मिले हैं। दोनों के बीच वोटों का अंतर 4 फीसदी से भी कम का है। कांग्रेस दिल्ली में एक सीट भी नहीं जीत पाई, लेकिन वोट के मामले में वह तीसरे स्थान पर रही। कांग्रेस ने दिल्ली चुनाव में 5.37 फीसदी वोट हासिल किए। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआई एम भी यहां 0.64 फीसदी वोट हासिल करने में सफल रही, जबकि मायावती की बसपा को यहां 0.56 फीसदी वोट मिले। ALSO READ: दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की बड़ी हार के 5 बड़े कारण?
 
जहां तक कुल वोटों का सवाल है तो भाजपा को 34 लाख 4 हजार 251 वोट मिले, जबकि आम आदमी पार्टी को 32 हजार से थोड़े ही ज्यादा वोट मिले। कांग्रेस को महज 4 लाख 72 हजार 516 वोट मिले। हालांकि इन वोटों को देखकर यह तथ्य सामने आया है कि यदि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ते तो शायद खेल पलट भी सकता था। क्योंकि आप और कांग्रेस के वोटों को मिला दिया जाए तो यह 48 फीसदी के लगभग होता है, जो कि भाजपा को मिले वोटों से ज्यादा है। ALSO READ: दिल्ली में चला मोदी का जादू, मात्र 5 रैलियों से कैसे पलटा AAP का खेल?
...तो केजरीवाल और सिसोदिया भी जीत जाते : इस बार भाजपा की आंधी में पूर्व मुख्‍यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन जैसे दिग्गज धराशायी हो गए। नई दिल्ली सीट पर केजरीवाल 4099 वोटों से चुनाव हारे हैं, जबकि तीसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के संदीप दीक्षित को 4568 वोट मिले हैं। यदि दीक्षित सामने नहीं होते तो केजरीवाल की जीत लगभग तय ही थी। वहीं, जंगपुरा में भी यही स्थिति रही। मनीष सिसोदिया मात्र 675 वोटों से हारे, जबकि यहां कांग्रेस उम्मीदवार फरहाद सूरी को 7350 वोट मिले।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 

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