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National Herald case : गांधी परिवार की बढ़ेगी टेंशन, क्‍या 661 करोड़ की संपत्ति होगी जब्त, ईडी ने मांगी अनुमति

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , गुरुवार, 17 अप्रैल 2025 (23:29 IST)
National Herald case : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड से जुड़े धनशोधन मामले में हाल ही में दाखिल आरोप पत्र में 661 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त करने का अनुरोध किया है, जिसे उसने जांच के दौरान कुर्क किया था। आरोप पत्र में 78 वर्षीय राज्यसभा सदस्य सोनिया गांधी को आरोपी नंबर एक और उनके बेटे राहुल गांधी (54) को आरोपी नंबर दो के रूप में नामित किया गया है, इसके अलावा पांच अन्य का नाम भी आरोपियों के रूप में दर्ज है। संघीय जांच एजेंसी ने अभियोजन पक्ष की शिकायत (आरोप पत्र) में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बयान भी संलग्न किए हैं, जो उसने 2022 में उनसे पूछताछ के दौरान दर्ज किए थे।
 
आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि संघीय जांच एजेंसी ने अभियोजन पक्ष की शिकायत (आरोप पत्र) में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बयान भी संलग्न किए हैं, जो उसने 2022 में उनसे पूछताछ के दौरान दर्ज किए थे।
सूत्रों ने कहा कि ऐसा माना जाता है कि दोनों नेताओं ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है और कहा है कि यंग इंडियन (वाईआई) द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) का अधिग्रहण व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए नहीं था। आरोप पत्र में 78 वर्षीय राज्यसभा सदस्य सोनिया गांधी को आरोपी नंबर एक और उनके बेटे राहुल गांधी (54) को आरोपी नंबर दो के रूप में नामित किया गया है, इसके अलावा पांच अन्य का नाम भी आरोपियों के रूप में दर्ज है।
 
ईडी ने नौ अप्रैल को यहां एक सक्षम अदालत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया था, जो सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामलों की सुनवाई करती है। अदालत ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 25 अप्रैल तय की है, जब वह आरोप पत्र पर संज्ञान ले सकती है या उसे खारिज कर सकती है।
सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत धनशोधन के अपराध के लिए आरोपियों के खिलाफ सजा का अनुरोध किया है और नवंबर 2023 में कुर्क की गई 661 करोड़ रुपए की संपत्ति को जब्त करने का अनुरोध किया है।
 
सूत्रों ने कहा कि अनुरोध को अनुमति मिलने की सूरत में जब्त की गई ये संपत्तियां नीलामी या किसी अन्य ऐसी प्रक्रिया के जरिए सरकारी खजाने में चली जाएंगी। यह माना जाता है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडियन के मामलों में किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है और कहा है कि वे कर्ज में डूबी कंपनी (एजेएल) की मदद के लिए आयोजित बैठकों का हिस्सा थे, लेकिन इन मामलों को संभालने में कांग्रेस के दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा की भूमिका थी।
 
अन्य पदाधिकारियों के अलावा वोरा 2001 से 2002 के बीच एजेएल के अध्यक्ष भी रहे थे। समझा जाता है कि कांग्रेस के दोनों शीर्ष नेताओं ने पार्टी के कानूनी रुख को दोहराया कि कंपनी अधिनियम के तहत धारा-25 के तहत ‘यंग इंडियन’ एक इकाई है और इसलिए इसके जरिए कोई वाणिज्यिक गतिविधि नहीं हो सकती और न ही शेयरधारकों को कोई व्यक्तिगत लाभ हो सकता है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी 38-38 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ यंग इंडियन के बहुसंख्यक शेयरधारक हैं।
सूत्रों के अनुसार, एजेएल के बहीखाता की जांच में यह भी पता चला है कि कंपनी को 2023 तक अपनी विभिन्न संपत्तियों से 142.67 करोड़ रुपए का किराया मिला है। एजेएल ‘नेशनल हेराल्ड’ समाचार मंच (समाचार पत्र और वेब पोर्टल) का प्रकाशक है और इसका स्वामित्व यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

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