नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण से निटपने के लिए लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown) के कारण अप्रैल से जून के दौरान चालू वित्त वर्ष की तिमाही में देश का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर शून्य से 23.9 प्रतिशत नीचे लुढ़क गया।
केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा आज यहां जारी जीडीपी के तिमाही आंकड़ों के अनुसार पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह दर 5.2 प्रतिशत रही थी। लॉकडाउन के कारण देश में आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से बंद हो गई थी।
मार्च के अंतिम सप्ताह से लेकर मई मध्य तक पूरे देश में पूर्ण बंदी रही थी। इसके बाद सरकार ने चरणबद्ध तरीके से सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन करते हुये विनिर्माण सहित विभिन्न गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति दी थी और अब तक सभी क्षेत्र कोरोना से पहले की स्थिति में काम नहीं कर रहे हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की जीडीपी 2689556 करोड़ रुपए रहा है जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के 3535267 करोड़ रुपए की तुलना में 23.9 प्रतिशत कम है। इस तरह से देश के जीडीपी की वृद्धि दर शून्य से 23.9 प्रतिशत नीचे रही है।
सरकार का वित्तीय घाटा 103 प्रतिशत पर पहुंचा : चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीने में अप्रैल से जुलाई तक सरकार का वित्तीय घाटा बजट अनुमान के 103 प्रतिशत को पार कर गया है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार 4 महीने में कोरोना काल के दौरान वित्तीय घाटा 8.21 लाख करोड़ रुपए रहा है। इस अवधि में कुल कर राजस्व संग्रह 2.03 लाख करोड़ रुपए रहा जबकि कुल व्यय 10.5 लाख करोड़ रुपए रहा।
कोरोना वायरस से निटपने के लिए सरकार द्वारा किए गए व्यापक स्तर पर व्यय और लॉकडाउन के कारण कर राजस्व में गिरावट आने के कारण वित्तीय घाटा बजट अनुमान को पार कर गया है।