जम्मू। अंतत: कांग्रेस से 'आजाद' हुए गुलाम नबी आजाद ने अपनी आजाद पार्टी की घोषणा कर ही दी। उन्होंने अपनी पार्टी का नाम 'डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी' रखा है जबकि उन्होंने अपने 3 रंग के झंडे का अनावरण भी किया जिसके प्रति उनका कहना था कि पीला रंग रचनात्मकता और विविधता में एकता को इंगित करता है। सफेद शांति और नीला स्वतंत्रता यानी खुली कल्पना को इंगित करता है।
आज सोमवार को जम्मू में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान आजाद ने पार्टी का नाम व ध्वज सार्वजनिक करते हुए बताया कि जम्मू-कश्मीर से करीब 1,500 सुझाव भेजे गए थे, जो उर्दू के साथ-साथ संस्कृत में थे। हिन्दी और उर्दू का मिश्रण ही हिन्दुस्तानी है। हम सब यही चाहते थे कि पार्टी का नाम लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और स्वतंत्र हो। इसीलिए उन्होंने इसका नाम 'डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी' रखा।
उन्होंने कहा कि पार्टी की विचारधारा उनके नाम की तरह होगी और इसमें सभी धर्मनिरपेक्ष लोग शामिल हो सकते हैं। वे पार्टी का एजेंडा भी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं। इसमें जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना, भूमि व नौकरियों के अधिकार स्थानीय लोगों के लिए सुरक्षित करने के लिए संघर्ष जारी रखना आदि शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि 'आजाद' का मतलब उनके नाम से नहीं है बल्कि इसका मतलब स्वतंत्र से है। उनकी पार्टी स्वतंत्र लोकतांत्रिक पार्टी होगी, जो आम लोगों से जुड़ी होगी। आजाद ने आगे कहा कि राजनीति में कोई दुश्मन नहीं होता। हां, राजनीतिक दलों की नीतियों पर मतभेद हो सकते हैं। हम उसी का विरोध करते हैं।
इसी दौरान 'डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी' के ध्वज का अनावरण करते हुए आजाद ने कहा कि उन्होंने कहा कि पार्टी के मुद्दे व कार्यप्रणाली बाद में घोषित की जाएगी। उन्होंने कहा कि उनके दिल में किसी भी राजनीतिक दल के लिए क्रोध या फिर गुस्सा नहीं है। उनकी किसी दल के साथ प्रतिस्पर्धा भी नहीं है। उनके लिए हरेक धर्म एक समान है। सभी उनके दिल में बसते हैं।
झंडा 3 रंगों से बना है जिसमें नीला, सफेद और पीला रंग शामिल है। झंडे को लेकर आजाद ने कहा कि सरसों के जैसे पीला रंग रचनात्मकता और विविधता में एकता को इंगित करता है। सफेद रंग शांति को इंगित करता है और नीला रंग स्वतंत्रता, ओपन स्पेस, कल्पना और समुद्र की गहराई से आकाश की ऊंचाइयों तक की सीमाओं को इंगित करता है।