1947 में धर्म के आधार पर ही देश का विभाजन हुआ वैसी ही परिस्थिति पुनः2047 तक होगी।
72 साल में जनसंख्या 33cr से बढ़कर 135.7cr हो गया है।
विभाजनकारी ताक़तों का जनसंख्या विस्फोट भयावह है ।
अभी तो 35A के बहस पर हंगामा हो रहा है।आने वाले वक़्त में तो एक भारत का ज़िक्र करना असंभव होगा। pic.twitter.com/5RbWk3nEws