श्रावस्ती (उत्तर प्रदेश), श्रावस्ती जिले में अपनी ही नाबालिग बेटी से दुष्कर्म के दोषी पिता को अपर जिला न्यायाधीश की अदालत ने शुक्रवार को आजीवन कारावास तथा 51 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अदालत ने लड़की के पुनर्वास हेतु राज्य सरकार से पीड़िता को दो लाख रुपये दिलाने के आदेश दिए हैं।
जिला शासकीय अधिवक्ता के. पी. सिंह (डीजीसी) ने शुक्रवार को बताया कि 17 अक्टूबर 2019 को किशोरी के फुफेरे भाई ने भिनगा कोतवाली में पीड़िता के पिता नोवा कोडर गांव निवासी बनवारी लाल चौहान के खिलाफ दुष्कर्म व पॉक्सो कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। बनवारी लाल पर अपनी बेटी के साथ मारपीट करने और चार महीने तक बलात्कार करने का आरोप था। मेडिकल रिपोर्ट में चोट व बलात्कार की पुष्टि हुई थी। घटना के समय लड़की की उम्र 13 वर्ष थी।
इस जघन्य अपराध के लिए शुक्रवार को अपर जिला न्यायाधीश परमेश्वर प्रसाद ने लड़की के पिता को दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास व 51 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना नहीं भरने की स्थिति में दोषी को ढाई साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
मुकदमे की सुनवाई के दौरान किशोरी अपने पिता के सामने बयान नहीं दे पा रही थी। अदालत ने पिता को सामने से हटाया तब पीड़िता का बयान हो सका। शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि लड़की की सौतेली मां उसे घर में नहीं रहने दे रही है, इसलिए अदालत ने राज्य व राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दो लाख रुपये दिलाने के आदेश दिए हैं।