जम्मू। सेना ने जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर तैनात सैनिकों के लिए बारूदी सुरंग रोधी खास तरह के जूते खरीदे हैं। थल सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
थल सेना के जम्मू स्थित 16वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह ने बताया कि घुसपैठ रोधी कोशिश के दौरान सैनिकों को अग्रिम इलाकों में नियंत्रण स्थापित करना होता है और यहां तक कि आतंकवादियों तथा विध्वंसकारी तत्वों का पीछा भी करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि हमने इन अभियानों को बढ़ावा देने के साथ-साथ अपने सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष कोष से बारूदी सुरंग रोधी जूते ओर गहराई तक तलाशी करने वाले मेटल डिटेक्टर जैसे उपकरण खरीदे हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल के अनुसार एलओसी पर 16वीं कोर के तहत करीब 250 किमी तक उबड़-खाबड़ और घने वन वाले आने वाले अग्रिम इलाकों में बारूदी सुरंगों से खतरा है लेकिन सुरक्षा एहतियात सहित हर तरह की तैयारियों के जरिए अभियान चलाए जा रहे हैं।
सिंह ने कहा कि कुछ बारूदी सुरंगें घुसपैठ रोधी उपायों के तहत बिछाई गई थीं लेकिन बारिश और बर्फबारी के चलते वे अपने स्थान से खिसक गई। कभी-कभी दुघर्टनाएं हो जाती हैं।
उन्होंने घुसपैठ रोधी अवरोध प्रणाली के पास बारूदी सुरंगों की सक्रियता और इसके चलते 28 अक्टूबर को एक लेफ्टिनेंट कर्नल तथा एक जवान के घायल हो जाने से जुड़ी घटनाओं के बारे में एक सवाल के जवाब में यह बात कही।
एक अधिकारी सहित दोनों सैनिकों के साथ हुई हालिया घटनाओं का जिक्र करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा कि दोनों मामलों में इन लोगों ने अपने मूल स्थान से खिसक चुकी बारूदी सुरंगों पर पैर रख दिया था। मानव रोधी बारूदी सुरंग से जुड़ी इस घटना में एक अधिकारी सहित दो सैनिक घायल हो गए थे।
उन्होंने कहा कि सौभाग्य से वे लोग बारूदी सुरंग रोधी जूते पहने हुए थे, जिससे सिर्फ उनके पैर को ही नुकसान पहुंचा। सेना का मानना है कि सर्दियों के मौसम में बर्फबारी के बाद भी गैर पारंपरिक मार्गों और इलाकों से आतंकवादी घुसपैठ की कोशिश करेंगे।
सिंह ने कहा कि हम इन चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं। आकस्मिक योजनाएं बनाई गई हैं और समन्वय किया गया है जबकि कुछ और कदम उठाए जा रहे हैं। पुलिस और नागरिक प्रशासन गंभीरतापूर्वक निगरानी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि घुसपैठ रोधी मजबूत व्यवस्था की गई है। सैनिकों को नाइट विजन उपकरण जैसे अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है। सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को कई पंक्तियों में तैनात किया गया है। यदि घुसपैठिए पहली पंक्ति को पार भी कर लेंगे तो भी वे आगे बढ़ने पर घिर जाएंगे।