संसद के मानसून सत्र में मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए तैयार सरकार, विपक्ष ने की थी यह मांग...

Webdunia
गुरुवार, 20 जुलाई 2023 (00:26 IST)
Monsoon Session of Parliament : संसद के 20 जुलाई से प्रारंभ होने वाले मानसून सत्र से पहले बुधवार को विपक्षी दलों ने मणिपुर की स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग करते हुए ओडिशा रेल हादसे, भारत-चीन सीमा स्थिति, महंगाई, संघीय ढांचे पर प्रहार जैसे मुद्दों पर चर्चा कराने एवं महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने को कहा।
 
मानसून सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, सभी दल मणिपुर की स्थिति पर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे। सरकार मणिपुर पर चर्चा कराने को तैयार है।
 
उन्होंने कहा, लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति जब भी समय तय करते हैं, हम चर्चा कराने को तैयार हैं। जो भी मुद्दे होंगे, हम नियमों एवं प्रक्रियाओं के तहत चर्चा कराने को तैयार हैं। सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने कहा कि ताली एक हाथ से नहीं बजती और अगर सरकार संसद चलाना चाहती है तो उसे विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका देना चाहिए।
 
गुरुवार से शुरू होने जा रहे मानसून सत्र में सुचारू कामकाज के लिए केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में दोनों सदनों में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया। संसदीय ग्रंथालय भवन में हुई बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, प्रह्लाद जोशी, विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के अलावा कांग्रेस सांसद जयराम रमेश, अधीर रंजन चौधरी आदि शामिल हुए।
 
बैठक में आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल, तेलुगु देशम पार्टी के जयदेव गल्ला, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, अन्नाद्रमुक के एम थम्बीदुरई, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, अपना दल की अनुप्रिया पटेल, आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर आदि ने भी भाग लिया।
 
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने के बाद कहा, बैठक में हमने संसद के मानसून सत्र के दौरान मणिपुर की स्थिति पर चर्चा कराने की मांग की। उन्होंने कहा, हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री सदन में आएं और मणिपुर की स्थिति पर चर्चा हो।

चौधरी ने कहा, मैंने कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में हिस्सा लिया और उन सभी मुद्दों को उठाया जिन पर चर्चा करने की जरूरत है। सर्वदलीय बैठक में भी मैंने इन मुद्दों को उठाया। हमारी मांग है कि मणिपुर की स्थिति पर चर्चा जरूर होनी चाहिए।
 
लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने कहा, दो महीने गुजर गए लेकिन प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) चुप हैं। मैं उनसे आग्रह करना चाहता हूं कि उन्हें संसद में बयान देना चाहिए और चर्चा करानी चाहिए। उन्होंने कहा, हम कल कार्यस्थगन प्रस्ताव (चर्चा कराने के लिए) लाना चाहते हैं क्योंकि मणिपुर की स्थिति खराब हो रही है। चौधरी ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी को हमारे दिल की बात सुननी चाहिए और विपक्ष को बोलने का मौका देना चाहिए।
 
कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी ने चीन से लगने वाली सीमा की स्थिति, महंगाई, ओडिशा रेल हादसे, बेरोजगारी, संघीय ढांचे पर प्रहार जैसे मुद्दों पर भी चर्चा कराने की मांग की है। उन्होंने कहा, मैंने मांग की है कि भारत-चीन सीमा मुद्दे और कारोबार असंतुलन पर भी चर्चा कराई जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ताली एक हाथ से नहीं बजती। अगर सरकार सदन का कामकाज चलाना चाहती है तो उसे विपक्ष को मुद्दे उठाने और अपनी बात रखने का मौका देना चाहिए। 
 
बीजू जनता दल के राज्यसभा सदस्य सस्मित पात्रा ने कहा कि उनकी पार्टी ने महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने की मांग की जिसे कई दलों का समर्थन मिला जिनमें वाईएसआर कांग्रेस, भारत राष्ट्र समिति और वाम दल शामिल हैं। पात्रा ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार की योजना के तहत गरीबों के लिए लंबित सात लाख से अधिक मकानों के निर्माण तथा संविधान की आठवीं अनुसूची में ‘हो’, ‘मुंदारी’ और ‘भूमिज’ भाषाओं को शामिल किए जाने की मांग भी रखी।
 
शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि लोगों का पैसा बर्बाद नहीं होना चाहिए और सदन में कामकाज चलना चाहिए। सूत्रों ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा बुलाई गई कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में कहा कि सरकार मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में चर्चा को तैयार है।
 
विपक्षी दलों ने मणिपुर की स्थिति और दिल्ली सेवा अध्यादेश जैसे विभिन्न मुद्दों को लेकर मानसून सत्र में सरकार को घेरने की तैयारी की है। मानसून सत्र का आयोजन ऐसे समय में हो रहा है जब एक दिन पहले ही 26 विपक्षी दलों ने इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) का गठन किया ताकि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को चुनौती दी जा सके।
 
आप नेता संजय सिंह ने कहा, संविधान संशोधन के विषय को अध्यादेश के जरिए कैसे पारित किया जा सकता है? दिल्ली की दो करोड़ जनता के अधिकारों को कुचलने का और केजरीवाल सरकार को नहीं चलने देने का हम लोग जमकर विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ यह अध्यादेश लाने का विरोध करेगी।
 
सिंह ने कहा कि संघीय ढांचे को कुचलने के लिए इस प्रकार से अध्यादेश लाना ‘शर्मनाक’ है। लोकसभा में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी एवं डीन कुरियोकोस, द्रमुक के ए राजा, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन अध्यादेश 2023 को निष्प्रभावी करने संबंधी एक नोटिस दिया है।
 
संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने कहा कि आज केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई जिसमें 34 दलों के 44 नेताओं ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ महत्वपूर्ण सुझाव आए। ये सुझाव विपक्षी दलों से भी आए और सहयोगी दलों से भी मिले।
 
जोशी ने बताया कि सत्र के दौरान सरकार के पास 31 विधायी विषय हैं। लोकसभा की बुलेटिन के अनुसार, इनमें दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023 शामिल है। इस सत्र का समापन 11 अगस्त को प्रस्तावित है। इस दौरान संसद के दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें प्रस्तावित हैं।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)

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