नई दिल्ली। सरकार क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को कर दायरे में लाने के लिए आयकर कानूनों में बदलाव पर विचार कर रही है। इनमें से कुछ बदलाव अगले साल के बजट का हिस्सा हो सकते हैं।
राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि आयकर के संदर्भ में कुछ लोग पहले से ही क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर पूंजीगत लाभ कर का भुगतान कर रहे हैं और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के संबंध में भी कानून बहुत स्पष्ट है कि दर अन्य सेवाओं की तरह लागू होगी।
बजाज ने बताया, हम निर्णय लेंगे। मैं समझता हूं कि पहले से ही लोग इस पर कर चुका रहे हैं। अब जब यह वास्तव में बहुत बढ़ गया है, तो हम देखेंगे कि क्या कानून की स्थिति में कुछ बदलाव ला सकते हैं या नहीं। लेकिन यह एक बजट की गतिविधि होगी। हम पहले से ही बजट के करीब हैं, हमें उस समय को देखना होगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) का प्रावधान पेश किया जा सकता है, सचिव ने कहा, अगर हम एक नया कानून लेकर आते हैं, तो हम देखेंगे कि क्या किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, लेकिन हां, अगर आप पैसा कमाते हैं तो आपको कर देना होगा... हमारे पास पहले से ही कुछ कर हैं, कुछ ने इसे एक संपत्ति के रूप में माना है और इस पर पूंजीगत लाभ कर का भुगतान किया है।(भाषा)